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कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को पंजाब में अपनी ही पार्टी की सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि विधायकों के बीच एक ‘‘आम सहमति’’ है कि राज्य को उनकी पार्टी के बजाय बादल परिवार चला रहा है.
अमृतसर से विधायक सिद्धू ने तब अपनी ही सरकार की आलोचना की थी जब हाई कोर्ट ने इस घटना की एसआईटी जांच रिपोर्ट खारिज कर दी थी, जो कि पंजाब के फरीदकोट में एक धार्मिक ग्रंथ के अनादार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी.
पंजाब के मुख्यमंत्री सिंह ने कांग्रेस नेता की नाराजगी को ‘‘पूरी तरह से अनुशासनहीनता’’ बताया था. राज्य की पिछली शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने वाले बादल परिवार का जिक्र करते हुए अमृतसर से विधायक ने आरोप लगाया कि राज्य की नौकरशाही और पुलिस उनकी ‘‘इच्छाओं’’ के मुताबिक काम कर रही है.
अमृतसर विधायक की ओर से लगातार हमले ऐसे समय में आए हैं जब ऐसी खबरें आई थीं कि पिछले कुछ दिनों में दो मंत्रियों और सिद्धू सहित कुछ कांग्रेस विधायकों ने बैठकें कीं.
विधायकों के ग्रुप ने कथित तौर पर पंजाब के मुख्यमंत्री पर दबाव बनाने का फैसला किया कि वे 'धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी' में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें.
कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनावों में मामले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का वादा किया था. पिछले महीने, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ उनके फार्म हाउस में एक बैठक में, पार्टी के कई विधायकों ने उनसे दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाने का अनुरोध किया था.
(PTI के इनपुट्स सहित)
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