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नवाब मलिक Vs फडणवीस के आरोप, पब्लिक करे तो करे क्या?

नवाब मलिक और देवेंद्र फडणवीस के बीच चल रही है जुबानी जंग

ऋत्विक भालेकर
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मलिक के बीच लड़ाई जारी</p></div>
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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मलिक के बीच लड़ाई जारी

(फोटो: altered by quint hindi)

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क्या महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जाली नोटों के बड़े मामले को रफा-दफा किया? आरोप लगाया है मौजूदा मंत्री नवाब मलिक ने.
क्या नवाब मलिक ने मुंबई बम धमाकों के आरोपियों से जमीन खरीदी? आरोप लगाया है पूर्व सीएम फडणवीस ने.

लोकतंत्र की रवायत है कि आम वोटर अपने पूर्व सीएम फडणवीस, जो रोज फिर से सीएम बनने की कोशिश कर रहे हैं और मौजूदा मंत्री मलिक की बातों को गंभीरता से ले, उनपर यकीन करे.और चूंकि इनकी बातों पर यकीन करना चाहिए तो क्या इनके द्वारा लगाए गए आरोपों को अंजाम तक पहुंचाना जरूरी नहीं है? ये आरोप इतने गंभीर हैं और इनमें जरा भी सच्चाई है तो आम आदमी किस सिस्टम के भरोसे जी रहा है.

फडणवीस ने वैसे तो मलिक पर कई आरोप लगाए लेकिन एक आरोप सबसे गंभीर है वो ये कि ''मलिक के परिवार से जुड़ी सॉलिडस कंपनी ने मुंबई बम ब्लास्ट के आरोपियों से जमीन खरीदी''. इस सौदे में मुंबई के प्राइम एरिया में 3 एकड़ की करोड़ों की जमीन महज 20 लाख में हड़पने का आरोप है.

मलिक ने सफाई दी है कि जमीन की खरीदी सभी नियमों के तहत की गई है. ये सौदा भले ही 2005 में हुआ है लेकिन आज इतने पैसों में एक छोटा मकान भी मुश्किल से मिलता है. इसके अलावा एक आम आदमी स्टैंप ड्यूटी - रजिस्ट्रेशन के जरिये सरकार को रेवेन्यू देता है. ऐसे में इन आरोपों में तथ्य हो तो ये टैक्स पेयर्स से धोखाधड़ी से कम नहीं. लेकिन क्या इसकी सच्चाई सामने आएगी? ये जिम्मेदारी है फडणवीस पर कि वो इस गंभीर आरोप को मुकाम तक पहुंचाएं.

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अब देखिए मलिक ने फड़नवीस पर क्या आरोप लगाए हैं?

''देश में नोटबंदी के बाद महाराष्ट्र के तत्कालीन सीएम फणडवीस ने करोड़ों के जाली नोटों का मामला दबाया.''

आरोप है कि DRI के छापेमारी में 14 करोड़ 56 लाख के जाली नोट पकड़े गए, लेकिन मामले को रफादफा कर सिर्फ 8 लाख 80 हजार की जब्ती बताई गई. ऐसे मामलों में RBI, CBI और NIA को रिपोर्ट करना जरूरी है. उसके बाद CBI और NIA तय करते हैं कि मामले को किस तरह आगे बढ़ाना चाहते हैं. लेकिन मलिक का आरोप है कि मामले में जांच आगे नहीं बढ़ी. जबकि DRI के सूत्रों की मानें तो मामला कोर्ट में पेंडिंग है और आरोपी जमानत पर बाहर.

इसके अलावा मलिक कह चुके हैं कि जिस वीडियो को ड्रग माफिया ने प्रोड्यूस किया उसमें फडणवीस और उनकी पत्नी नजर आईं. जिस ड्रग्स के चक्कर में महाराष्ट्र की राजनीति दलदल में नजर आ रही है, उसकी छीटें जब पूर्व सीएम तक आने लगे तो आम आदमी हिल जाता है. जाहिर है नवाब मलिक को आरोप लगाकर चुप नहीं बैठना चाहिए. इसे साबित करना चाहिए ताकि पब्लिक के सामने दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.

राजनीतिक उठापठक में सार्वजनिक तौर पर आरोप एक बात है लेकिन ऐसे गंभीर आरोप लगते हैं कि सिस्टम के शीर्ष पर बैठे लोगों से भरोसे उखड़ने लगता है. ऐसे में मामला अब सियासी स्कोर सेटल करने नहीं रह गया है. अगर ये नेता इन आरोपों को साबित करने के लिए कानूनी कार्रवाई नहीं करते तो वो खुद कठघरे में खड़े हो जाएंगे और वोटर एक ऐसे दोराहे पर खड़ा हो जाएगा जहां उसे समझ में नहीं आएगा कि वो यकीन करे तो किस पर करे?

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