advertisement
बिना लाग लपेट के बोलने वाले नितिन गडकरी के बयान कभी-कभी बीजेपी नेतृत्व की परेशानी बढ़ा देते हैं. गडकरी का ऐसा ही बयान एक बार फिर देखने को मिला, जब उन्होंने कहा कि नेतृत्व को हार की जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए. गडकरी के इस बयान को हाल ही में तीन राज्यों में बीजेपी की हार से जोड़कर देखा जाने लगा. ऐसे में मामले को तूल पकड़ता देख गडकरी ने इस बयान पर सफाई दी है.
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने अपने बयानों का मतलब बदलने के लिए मीडिया और विपक्षियों को जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि मीडिया और दूसरे विपक्षी पार्टियों के लोग उनके स्टेटमेंट को तोड़-मरोड़कर, संदर्भ से बाहर ले जाते हैं.
उन्होंने आगे लिखा, 'मैं इन सभी संदर्भ से बाहर की बातों का एक बार फिर पुरजोर तरीके से खंडन करता हूं.'
पुणे डिस्ट्रिक्ट अर्बन कोऑपरेटिव बैंक एसोसिएशन के एक प्रोग्राम में बोलते हुए गडकरी ने कहा था, ‘सफलता के कई दावेदार होते हैं, लेकिन असफलता अनाथ होती है. सफलता की स्थिति में कई लोग क्रेडिट लेने के लिए दौड़ में शामिल हो जाते हैं. लेकिन असफलता के दौर में सब एक-दूसरे पर ऊंगली उठाना शुरू कर देते हैं.’
इससे पहले तीन राज्यो में हुई हार के बाद कई केंद्रीय मंत्रियों ने कहा था कि ये रिजल्ट केंद्र में मोदी सरकार की नीतियों पर जनता की राय नहीं हैं. इस तरह वे हार की जिम्मेदारी मोदी और उनके प्रशासन से हटाने की कोशिश कर रहे थे.
आरएसएस चीफ मोहन भागवत को लिखे लेटर में जनरल सेक्रेटरी भैय्याजी जोशी ने कहा था कि तीन प्रदेशों में बीजेपी की हार के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि इसके लिए वे आक्रामक नेता जिम्मेदार हैं जिन्होंने डिमॉनेटाइजेशन, जीएसटी और फ्यूल प्राइज जैसे जनविरोधी फैसले लिए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 23 Dec 2018,03:18 PM IST