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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद नेता तेजस्वी यादव के बीच सियासी दूरियां इन दिनों पटना में इफ्तार पार्टियों की वजह से कम होती दिख रही हैं।
22 अप्रैल को नीतीश कुमार इफ्तार पार्टी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर गए और तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव समेत पूरे लालू प्रसाद परिवार ने उनका तहे दिल से स्वागत किया था।
गुरुवार को नीतीश कुमार ने हज भवन में अपनी जदयू की अल्पसंख्यक शाखा द्वारा आयोजित एक इफ्तार पार्टी में तेजस्वी यादव को बुलाया और उनके घर लौटते समय नीतीश उनकी कार तक उन्हें छोड़ने आए।
जदयू की इफ्तार पार्टी में मुख्यमंत्री के अलावा तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, सुशील कुमार मोदी, ललन सिंह, तार किशोर प्रसाद, जीतन राम मांझी, अजीत शर्मा समेत राज्य के कई नेता शामिल हुए।
हालांकि, बैठने की व्यवस्था दिलचस्प थी। नीतीश कुमार बीच में बैठे थे, मांझी और प्रसाद बाईं और दाईं ओर बैठे थे। सुशील कुमार मोदी प्रसाद के बगल में बैठे थे, जबकि तेज प्रताप यादव मांझी के बगल में बैठे थे। तेजस्वी यादव अपने पिता लालू प्रसाद के दो सबसे बड़े राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों - सुशील कुमार मोदी और ललन सिंह के बीच बैठे थे।
तेजस्वी यादव ज्यादातर समय खामोश ही नजर आ रहे थे। उन्हें जदयू की ओर से गर्मजोशी से स्वागत की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा था। नीतीश कुमार को शायद इस बात का एहसास हुआ और इसलिए वह तेजस्वी यादव को छोड़ने उनकी कार तक गए।
हालांकि, उनका हाव-भाव राज्य के राजनीतिक हलकों में चर्चा का एक नया विषय बन गया है।
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