advertisement
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार खुलकर गठबंधन से अलग होने की वजह बताई है. नीतीश कुमार ने एबीपी न्यूज के एक कार्यक्रम में गठबंधन से अलग होने, बीजेपी के साथ जाने और लालू परिवार से अपने संबंधों पर बड़ी बेबाकी से अपनी बात रखी.
नीतीश कुमार ने कहा कि उनका रुख साफ है कि भ्रष्टाचार और अपराध से कोई समझौता नहीं होगा, लेकिन जब गठबंधन में सहयोगी आरजेडी को लेकर सवाल उठने लगे और गठबंधन की तीसरी सहयोगी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जब हस्तक्षेप करने में अक्षम साबित हुए, उसके बाद ही उन्होंने ये फैसला लिया.
नीतीश ने कहा कि उन्होंने आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से कहा था कि आरोपों पर उन्हें जनता और मीडिया के सामने सफाई देनी चाहिए, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
नीतीश कुमार ने कहा कि हमेशा से भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ उनकी जीरो टॉलरेंस की नीति रही है. ऐसे में जब आरजेडी के ऊपर अपराध और भ्रष्टाचार को लेकर आरोप लगने लगे तो उनके लिए जवाब देना मुश्किल हो गया.
नीतीश कुमार ने कहा-
नीतीश कुमार ने कहा कि वह राहुल गांधी की अक्षमता की वजह से विपक्षी गठबंधन से बाहर निकले थे. नीतीश ने कहा कि राहुल गांधी पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर रूख अख्तियार करने में ‘अक्षम' थे.
कुमार ने दावा किया कि उनकी पार्टी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 40 सीटें दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. नीतीश ने कहा-
नीतीश कुमार ने कहा कि उनके बारे में काफी कुछ उल्टा सीधा कहा गया. मीडिया में जबरदस्त तरीके से दुष्प्रचार किया गया. नीतीश ने कहा इसके बावजूद भी लालू यादव से उनका राजनीतिक मतभेद हो सकता है लेकिन व्यक्तिगत तौर पर कोई मतभेद नहीं है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार की रात दावा किया कि उन्हें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को जेडीयू में शामिल कर लेने का दो बार सुझाव दिया था.
कुमार ने चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर को अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर देखने से जुड़े सवाल पर यह बात कही. किशोर को पिछले साल सितंबर में जेडीयू में शामिल किया गया था और कुछ ही हफ्ते बाद उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया गया था.
उन्होंने कहा, ‘‘प्रशांत किशोर को समाज के सभी तबके से युवा प्रतिभाओं को राजनीति की ओर आकर्षित करने का काम सौंपा गया है. राजनीतिक परिवारों में नहीं जन्मे लोगों की राजनीति से पहुंच दूर हो गई है.'' कुमार ने कहा, ‘‘मुझे प्रशांत किशोर से काफी लगाव है. लेकिन, उत्तराधिकारी जैसी बातें हमें नहीं करनी चाहिए. यह राजशाही नहीं है.''
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)