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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के मंगलवार को विपक्षी दलों की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस छोड़कर वापस पटना आने को नीतीश की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा था. इस बीच, नीतीश कुमार ने बुधवार को साफ कर दिया कि वे प्रेस कांफ्रेंस छोड़कर क्यों लौट गए. उन्होंने कहा कि उनकी रात में ही राजगीर आने की इच्छा थी, इस कारण वे लौट आए. राजगीर के विश्व प्रसिद्ध मलमास मेले के विधिवत उद्घाटन कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि कल (मंगलवार) बेंगलुरु में अनेक पार्टियों की मीटिंग थी. वहां की मीटिंग खत्म हुई तो हम चल दिए. आज बोल रहे हैं कि हम प्रेस कॉन्फ्रेंस में थे ही नहीं, जबकि हम सब बात मानकर वहां से निकले थे.
उन्होंने आगे कहा कि हमको राजगीर आना था, हमारी इच्छा राजगीर आने की हो रही थी. पूरी तरह से हम लोग साथ हैं. उन्होंने भाजपा का बिना नाम लिए आगे कहा कि मीडिया को नियंत्रित कर लिया गया है. इस साल या अगले साल चुनाव के बाद मीडिया को मुक्ति मिलेगी और पत्रकार स्वतंत्र रूप से लिख पाएंगे.
इससे पहले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाराजगी की खबरों का पुरजोर खंडन करते हुए कहा कि नीतीश कुमार विपक्षी एकता के सूत्रधार हैं. उन्होंने कहा कि सूत्रधार कभी नाराज नहीं होते.
पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए सिंह ने इन खबरों को दुष्प्रचार बताया. मीडिया के एक वर्ग को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया वर्ग दुष्प्रचार में लगा हुआ है. पहले जदयू का राजद में विलय उसके बाद जदयू और राजद में खटपट भी इसी दुष्प्रचार का अंग था. अब नीतीश कुमार की नाराजगी की खबर चलाई जा रही है. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि काहे की नाराजगी.
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