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विपक्ष के बीच जो एकता बनने से पहले ही टूटती दिख रही थी, वो फिर से जुड़ती नजर आ रही है. उपराष्ट्रपति चुनाव के मसले पर बिहार सीएम नीतीश कुमार विपक्ष के उम्मीदवार को समर्थन दे सकते हैं. कांग्रेस के बदले सुर और जनता दल यूनाइटेड की तरफ से नरमी से अब फिर से लगने लगा है कि दोनों पार्टियों के बीच सबकुछ ठीक हो रहा है.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करने में देरी हुई है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का कहना सही है, हमसे गलती हुई है.
गुलाम नबी आजाद के इस बयान से संकेत मिल रहे हैं कि वह उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले नीतीश की नाराजगी को दूर करने की कोशिश में लगे हैं. इससे पहले नीतीश कुमार ने पटना में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए साफ शब्दों में कहा था कि वह किसी के पिछलग्गू नहीं हैं. वे सहयोगी हैं और सहयोगी की तरह रहेंगे. खुशामद करना उनकी फितरत में शामिल नहीं है.
नीतीश की ये नाराजगी गुलाम नबी आजाद के उस बयान पर थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि नीतीश एक विचारधारा नहीं, बल्कि कई विचारधारा के नेता हैं. आजाद ने नीतीश पर यह बयान उनके एनडीए उम्मीदवार कोविंद को समर्थन देने को लेकर दिया था.
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार का समर्थन किए जाने से कांग्रेस और जेडीयू के बीच काफी तनातनी चल रही थी. लेकिन अब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के नेताओं को नीतीश कुमार के खिलाफ नहीं बोलने का निर्देश दिया है.
जेडीयू ने भी इस दिशा में सकारात्मक रुख अपनाते हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साथ होने के संकेत दिए हैं.
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि अगर विपक्ष उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार चुनने के लिए जेडीयू को आमंत्रित करेगा, तो वह बैठक में शामिल होंगे. उपराष्ट्रपति चुनाव में समर्थन के सवाल पर त्यागी ने कहा कि बैठक में किसका नाम सामने आता है, उसे देखने के बाद ही पार्टी समर्थन का फैसला लेगी.
राष्ट्रपति चुनाव का ऐलान होने के पहले से विपक्ष एनडीए की घेराबंदी की तैयारी कर रहा था. इसे लेकर सीएम नीतीश कुमार और कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी की मुलाकात भी हुई थी, लेकिन बाद में विपक्ष के उम्मीदवार का ऐलान होने में देरी होने पर नीतीश ने एनडीए उम्मीदवार और बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद के समर्थन की घोषणा कर दी थी.
दरअसल, नीतीश चाहते थे कि राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष किसी ऐसे उम्मीदवार को खड़ा करे, जो किसी राजनीतिक दल से न जुड़ा हो. लेकिन जब कांग्रेस ने मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाने का मन बनाया, तो नीतीश ने उसे भांपते हुए नाम की घोषणा होने से पहले ही कोविंद के समर्थन का ऐलान कर दिया था.
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