advertisement
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को देश में आर्थिक मंदी को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने तीन ब्लॉकबस्टर फिल्मों की कमाई का हवाला देते हुए कहा, ‘तीन फिल्मों ने एक दिन में 120 करोड़ रुपये की कमाई की है, 120 करोड़ रुपये ऐसे देश में आते हैं, जिनकी अर्थव्यवस्था अच्छी होती है.’
उन्होंने एनएसएसओ की उस रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया जिसमें बेरोजगारी दर को 45 साल में सबसे ज्यादा बताया गया था.
प्रसाद ने कहा, ‘मैंने आपको दस ऐसे पैमाने दिए हैं, जिनमें अर्थव्यवस्था अच्छा कर रही है. रिपोर्ट का दावा झूठा है. हमने कभी नहीं कहा कि हम सबको सरकारी नौकरी देंगे. कुछ लोग साजिशन बेरोजगारी पर जनता को गुमराह कर सरकार के खिलाफ भड़का रहे हैं. ’
केंद्रीय मंत्री ने ये बात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आर्थिक मंदी के सवाल के जवाब में कही.
इस साल जून तिमाही में भारत की जीडीपी छह साल के सबसे निचले स्तर पांच फीसदी पर आ गई है. हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में आर्थिक मंदी से निपटने के लिए अलग-अलग सेक्टर्स, उद्योग और आम आदमी को राहत देने की कई घोषणाएं की थी. निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार आर्थिक मंदी से लड़ने के लिए विशेष उपाय कर रही है. वहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंदी स्वीकारने से इनकार कर दिया. ऐसे में सवाल यही उठता है कि क्या सरकार इस बात को स्वीकर करती है कि देश में आर्थिक मंदी है?
वित्त मंत्री ने सितंबर में देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने के लिए कई ऐलान किए थे. उन्होंने टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देते हुए छोटे डिफॉल्ट में अब आपराधिक मुकदमा नहीं चलने का ऐलान किया था. ऑटो सेक्टर में छाई मंदी को दूर करने के लिए नॉन बैंकिंग फाइनेंसिंग कंपनियां यानी NBFC के आधार KYC पर लोन देने का ऐलान किया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 12 Oct 2019,05:33 PM IST