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TMC सांसद और बंगाल फिल्म इंडस्ट्री की एक्ट्रेस नुसरत जहां (Nusrat Jahan) लगातार सुर्खियों में हैं, सबसे पहले TMC सांसद नुसरत जहां की शादी पर विवाद हुआ, फिर उनके सिंदूर लगाने ...और अब उनकी निजी जिंदगी को लेकर सोशल मीडिया के ट्रोल और बीजेपी नेता लगातार सवाल उठा रहे हैं. बात तो यहां तक पहुंच गई कि उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है.
यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब नुसरत जहां ने खुलासा किया की उनकी और निखिल जैन की शादी भारत में मान्य नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि जब शादी मान्य नहीं है तो तलाक कैसा.
नुसरत जहां और निखिल जैन ने 19 जून 2019 को तुर्की के बोडरम सिटी में सात फेरे लिए थे. दोनों की शादी हिन्दू और क्रिश्चियन रीति रिवाज से हुई थी. हाल में नुसरत ने एक बयान जारी कर निखिल से अलग होने की बात कही थी. जिसके बाद निखिल ने नुसरत से अलग होने की खबरों पर मुहर तो लगाई ही साथ ही साथ कई आरोप भी लगाए. इन दोनों की शादी पर उठा यह विवाद इन्हीं तक नहीं रहा, बल्कि इसे लेकर सियासत भी हुई और सवाल भी उठे. लेकिन आखिर ऐसा क्यों किया गया, किसी की निजी जिंदगी को राजनीतिक मुद्दा बनाना क्या सही है?
बात सिर्फ शादी तक नहीं रही पति से अलग होने के खुलासे के बाद नुसरत के गर्भवती होने की खबरे सुर्खियों में छा गईं, थी जिस पर निखिल जैन दावा किया था कि नुसरत उनके साथ 6 महीने से नहीं रह रही हैं, वो पिछले साल दिसंबर 2020 से उनका घर छोड़कर अपने मम्मी पापा के साथ रह रही है. ऐसे में उन्हें आने वाले बच्चे की जानकारी नहीं है.
बीजेपी नेताओं को टीएमसी सांसद नुसरत पर हमला बोलने का मौका मिल गया है. भले ही नुसरत का ये निजी मामला हो, लेकिन उनसे बार-बार इसे लेकर सफाई मांगी जा रही है. भारतीय जनता पार्ट्री के बंगल अध्यक्ष दिलीप घोष ने नुसरत पर टिप्पणी करते हुए कहा,
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी की सांसद संघमित्रा मौर्य ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिठ्ठी लिखी, जिसमे उन्होंने नुसरत जहां की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की. उनका कहना है की नुसरत जहां का आचरण अमर्यादित है, और शादी के मसले पर उन्होंने वोटर्स को धोखे में रखा है. साथ ही इससे संसद की गरिमा भी धूमिल हुई है.
यानी बीजेपी नेताओं ने नुसरत जहां को उनके आचरण का सर्टिफिकेट खुद दे दिया है. क्या एक महिला होने के बावजूद उन्हें समाज को ये बताना होगा कि उनकी निजी जिंदगी में क्या कुछ चल रहा है. क्या नुसरत को साड़ी पहनने या सिंदूर लगाने से पहले किसी से इजाजत लेनी होगी? क्या किसी के सिंदूर लगाने से भारतीय संस्कृति का अपमान होता है? भारत के सैकड़ों ऐसे नेता रहे हैं, जिनका आपराधिक रिकॉर्ड रहने के बावजूद उन्हं संसद भेज दिया जाता है. क्या इस आचरण पर भी बीजेपी नेताओं को आपत्ति है?
फिर चाहे वो एक्ट्रेस हो या नेता, महिलाओं को सोशल मीडिया पर बैठे ट्रोल्स का रोजाना सामना करना पड़ता है, जो हर एक मिनट में उनके कैरेक्टर पर सवाल उठाते हैं. लेकिन जब जनता के प्रतिनिधि कहलाने वाले नेता खुद इस ट्रोलिंग की कमान अपने हाथों में ले लें, तो इससे दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है?
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