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महाराष्ट्र में बीजेपी ने 23 नवंबर की सुबह देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ तो दिला दी, लेकिन अब उसके सामने सरकार चलाने के लिए बहुमत साबित करने की चुनौती है. बता दें कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 145 का है. इस बार के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 105 सीटें मिली हैं. ऐसे में बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए 40 और विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.
ये चारों नेता दूसरी पार्टियों से बीजेपी में शामिल होने वाले नेता हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी इन नेताओं के उनकी पिछली पार्टियों में संबंधों का फायदा उठाना चाहती है.
शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस लगातार दावा कर रही हैं कि उनके पास सरकार के बनाने के लिए जरूरी संख्याबल से ज्यादा आंकड़ा मौजूद है.
हालांकि 24 नवंबर को ही बीजेपी नेता आशीष शेलार ने कहा था, ''हमें राज्यपाल ने 30 नवंबर तक का वक्त दिया है, हम 170 या उससे ज्यादा विधायकों के साथ बहुमत साबित करेंगे.'' बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में भी कहा है कि उसने 170 विधायकों के समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा पेश किया था. वहीं, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार की चिट्ठी के बाद 11 निर्दलीयों और अन्य विधायकों के समर्थन पत्र के साथ दावा पेश किया था.
मगर एनसीपी का कहना है कि अजित पवार की चिट्ठी में एनसीपी विधायकों के जो हस्ताक्षर दिखाए गए, वो अजित पवार को पार्टी के विधायक दल का नेता चुनने के लिए किए गए थे. पार्टी के मुताबिक, इन विधायकों ने सरकार बनाने के लिए बीजेपी के साथ गठबंधन के लिए हस्ताक्षर नहीं किए थे.
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