मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019राष्ट्रपति से मिले विपक्षी दल, सोनिया बोलीं- सरकार दबा रही आवाज

राष्ट्रपति से मिले विपक्षी दल, सोनिया बोलीं- सरकार दबा रही आवाज

नागरिकता कानून को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति से की अपील

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Published:
नागरिकता कानून को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति से की अपील
i
नागरिकता कानून को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति से की अपील
(फोटो: ट्विटर)

advertisement

नागरिकता कानून को लेकर देशभर में हो रहे प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई पर विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात की. इस दौरान सभी नेताओं ने राष्ट्रपति से इस मामले को लेकर हस्तक्षेप करने की और सरकार को निर्देश जारी करने की मांग की. नेताओं का कहना था कि मोदी सरकार जनता की आवाज दबा रही है. नागरिकता कानून को किसी भी तरह से मंजूर नहीं किया जा सकता है.

राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बाद विपक्षी नेताओं ने मीडिया से बात की. इस दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा-

“आज मोदी सरकार लोगों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर ज्यादती की. आज दिल्ली और उत्तर-पूर्व के राज्यों में हालात तनावपूर्ण हैं.”
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

टीएमसी ने भी किया विरोध

इस दौरान टीएमसी नेता डेरेक ओ-ब्रायन ने कहा कि सरकार को इस कानून को वापस लेना ही होगा. पूरा देश इसके खिलाफ है, छात्र इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. नागरिकता कानून को खत्म करने की अपील पूरा देश कर रहा है.

राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बताया, "14-15 राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा और कहा कि जल्दबाजी में सरकार ने ये कानून पास किया है. सरकार को पहले ही बताया गया था कि ये बिल देश के हित में नहीं है. संविधान के मूल आधारों के खिलाफ है. ये देश को बांटने वाला बिल है. विपक्ष को ये पता था कि देश इस बिल को नकार देगा. आज असम से लेकर केरल तक इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है."

राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बाद कांग्रेस, टीएमसी, समाजवादी पार्टी समेत कई दलों ने अपनी प्रतिक्रिया दी और इस कानून का विरोध किया. सभी दलों ने एक सुर में कहा कि ये कानून देश को स्वीकार नहीं है और इसे वापस लिया जाना चाहिए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT