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अच्छे दिन का जुमला हम पर लद गया है. ये कहना है केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का. मुंबई एक कार्यक्रम में लोगों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ‘अच्छे दिन’ की सबसे पहले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कही थी. पीएम मोदी ने उनसे यह शब्द लिया है.
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमारा देश अतृप्त आत्माओं का देश है, जिसके पास कुछ है उसे और चाहिए. जिसके पास साइकल है उसे स्कूटर चाहिए और जिसके पास स्कूटर है उसे कार चाहिए. इसमें कोई बुराई नहीं है, अमीर लोग भी असंतुष्ट हैं. इस दौरान उन्होंने मीडिया से उनकी बातों का गलत मतलब न निकालने की बात कही. उन्होंने कहा कि ‘अच्छे दिन’ से मतलब है कि चीजें बेहतर हो रही हैं.
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी अधिकारिक तौर पर दो स्लोगन को लेकर ही आगे बढ़ी थी, जिनमें ‘अबकी बार मोदी सरकार’ और ‘अच्छे दिन आएंगे’ थे. ऐसे में नितिन गडकरी का ‘अच्छे दिन’ को लेकर ऐसी टिप्पणी करना मोदी सरकार के लिए समस्या पैदा कर सकता है. इससे पहले ‘सबके अकाउंट में 15 लाख रुपये’ को भी बीजेपी अध्यक्ष ने चुनावी जुमला कहा था.
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