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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) लगाने पर अब पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने नाराजगी जाहिर की है. चिदंबरम ने ट्वीटकर इस कार्रवाई को क्रूर बताया है और हैरानी जताई है. उन्होंने कहा, "उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और अन्य लोगों के खिलाफ पब्लिक सेफ्टी एक्ट के क्रूर आह्वान से हैरान और परेशान हूं."
शुक्रवार को ट्वीट करते हुए चिदंबरम ने कहा,
चिदंबरम ने अपने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा,
बता दें कि अब्दुल्ला-मुफ्ती को पिछले साल 5 अगस्त से ऐहतियातन तौर पर हिरासत में लिया गया है. अब इन पर पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है. बता दें, उनकी छह महीने की एहतियाती हिरासत गुरुवार को खत्म हो रही थी.
अगर सरकार को शक है कि आप पब्लिक सेफ्टी के लिए खतरा हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं तो आपने भले ही कोई गलत काम नहीं किया हो, लेकिन सरकार को अगर शक होता है तो आपको हिरासत में ले सकती है.
हालांकि बाद में इसमें संशोधन कर दिया गया, जिसके तहत 18 साल से कम के व्यक्ति को हिरासत में नहीं लिया जा सकता. ‘किसी व्यक्ति की गतिविधि से राज्य को खतरा’ होने की सूरत में या किसी व्यक्ति की गतिविधि से ‘कानून व्यवस्था को बरकरार रहने में खतरा’ होने की स्थिति में भी उसे PSA के तहत हिरासत में लिया जा सकता है. PSA के तहत किसी की हिरासत का आदेश डिविजनल कमिश्नर या डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की तरफ से जारी होता है.
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Published: 07 Feb 2020,10:22 AM IST