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पाकिस्तान में विपक्षी पार्टियों ने शाहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) को प्रधानमंत्री चुन लिया है. बता दें कि शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान हुआ था, जिसके बाद इमरान खान को उनके पद से हटना पड़ा था.
इमरान खान के विरोध में 174 मत दाखिल किए गए थे. इस दौरान उनकी पार्टी पीटीआई ने असेंबली से वॉकआउट कर दिया था.
1988 में शाहबाज ने पंजाब प्रांत से चुनाव जीता था, लेकिन असेंबली भंग होने के कारण 1990 में फिर चुनाव हुए और शाहबाज को फिर जीत मिली थी. वे 1993 में एक बार फिर पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए और उन्हें विपक्ष का नेता भी चुना गया.
2008 में हुए आम चुनावों में प्रांत में पीएमएल-एन की जीत के बाद वह दूसरी बार पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री बने. इसी तरह 2013 में वे तीसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने.
जब उनके भाई नवाज शरीफ को पद से अयोग्य घोषित किया गया तब वे पीएमएल-एन के अध्यक्ष बने. 2018 के चुनावों के बाद उन्हें विपक्ष का नेता चुना गया. 28 मार्च 2022 को शाहबाज ने ही इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था.
पाक संसद सोमवार को 2 बजे बैठेगी ताकि नया प्रधानमंत्री चुना जा सके. हालांकि, संयुक्त विपक्ष ने PML-N अध्यक्ष शहबाज शरीफ को पहले ही अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित कर दिया है. लेकिन, इसमें भी एक पेच है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोमवार को शहबाज शरीफ और उनके बेटे को लाहौर हाई कोर्ट में तलब किया गया है.
वहीं, इस्लामाबाद हाई कोर्ट सोमवार को इमरान खान और पूर्व मंत्रियों के नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट पर रखने और एक कथित धमकी पत्र की जांच का आदेश देने के अनुरोध पर सुनवाई करेगा. यह याचिका मौलवी इकबाल हैदर ने दायर की है. इस्लामाबाद हाई कोर्ट से गुजारिश की गई है कि इमरान खान, फवाद चौधरी, शाह महमूद कुरैशी, पूर्व डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी और असद माजिद का नाम ईसीएल में रखा जाए. हैदर ने कोर्ट से इमरान और पूर्व मंत्रियों के खिलाफ कथित धमकी भरे पत्र के संबंध में जांच का आदेश जारी करने का भी अनुरोध किया है.
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Published: 10 Apr 2022,02:39 PM IST