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तमिलनाडु के नए सीएम पलनीसामी कौन हैं? उनके बारे में सबसे खास बात ये है कि पलनीसामी तमिलनाडु के पहले गैर-फिल्मी सीएम हैं. वे पहले ऐसे सीएम हैं, जिनके पास पद संभालने से पहले 25 साल से ज्यादा का राजनीतिक अनुभव है.
लेकिन क्या तमिलनाडु की राजनीति अपने पहले गैर-फिल्मी सीएम को आसानी से स्वीकार कर पाएगी?
ये सवाल इसलिए खास है क्योंकि राज्य के गठन के बाद से आज तक तमिलनाडु का नेतृत्व करने वाले सभी फुल-टाइम सीएम फिल्मी बैकग्राउंड से ही आए हैं. ये सिलसिला सीएम अन्नादुर्रई से शुरू होकर जे. जयललिता तक जारी रहा. हालांकि, पन्नीरसेल्वम जयललिता की अनुपस्थिति में दो बार केयरटेकर सीएम बने.
ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर जे. जयललिता और एमजीआर रामाचंद्रन जैसे करिश्माई व्यक्तित्व वाले मुख्यमंत्रियों के प्रदेश की जनता पलनीसामी जैसे पारंपरिक नेता को अम्मा या एमजीआर की जगह देख पाएगी.
तमिलनाडु की पॉलिटिक्स में सिनेमा की एंट्री पेरियार मूवमेंट यानी तमिलनाडु के ‘आत्म सम्मान आंदोलन’ से होती है.
एमजीआर रामाचंद्रन ने अपनी फिल्मों में अक्सर तमिल समाज के दबे-कुचले वर्गों का प्रतिनिधित्व किया. इनमें मल्लाह, मजदूर, किसान जैसे वर्ग शामिल हैं. फिल्मों के गानों को भी इस तरह तैयार किया जाता था, जिससे इन वर्गों तक एक खास सोशल मैसेज पहुंचाया जा सके.
करुणानिधि ने अपने धारदार संवादों, एमजीआर ने अपनी एक्टिंग और एमजीआर के अपोजिट आने वालीं जे. जयललिता ने अपने करिश्मे से तमिलनाडु की पॉलिटिक्स पर राज किया.
तमिलनाडु के राजनीतिक भविष्य के लिहाज से पलनीसामी के शशिकला के साथ गहरे रिश्ते उनके राजनीतिक अनुभव से ज्यादा अहम हैं. आत्मसमर्पण से पहले शशिकला ने विधायकों के साथ मीटिंग में नई राजनीतिक शुरू करने के आदेश की जगह ‘अम्मा’ यानी जयललिता के आदर्शों पर चलने का आश्वासन लिया है.
तमिलनाडु की राजनीति के वर्तमान समीकरणों को देखें तो, पलनीसामी के केयरटेकर सीएम की तरह ही सत्ता संभालने के संकेत मिलते हैं. इससे पहले पन्नीरसेल्वम भी दो बार ‘अम्मा’ की अनुपस्थिति में सत्ता संभाल चुके हैं. लेकिन तमिलनाडु की सत्ता में हर बार फिल्मी सीएम की वापसी हुई है.
तमिलनाडु की राजनीति में डीएमके और एआईएडीएमके बीते 50 साल से राज कर रही हैं. लेकिन, करुणानिधि की उम्र बढ़ने और शशिकला के 10 साल तक राजनीति से बाहर रहने की स्थिति में तमिलनाडु में पॉलिटिकल वैक्यूम की स्थिति बनती नजर आती है.
ऐसे में खबरें हैं कि बीजेपी भी राज्य में अपनी जमीन बनाने के लिए रजनीकांत को खुद से जोड़ने की कोशिश कर रही है. हालांकि, रजनीकांत की तरफ से अब तक इस बारे में कोई बयान नहीं अाया है.
ऐसे में यह वक्त ही बताएगा कि राजनीतिक इतिहास से परे जाकर तमिलनाडु अपने पहले गैर-फिल्मी सीएम को फिल्मी मुख्यमंत्रियों जैसा प्यार और समर्थन देगा.
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