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पेगासस प्रोजेक्ट (Pegasus Project) एक बार फिर हर तरफ चर्चा में है. भारत में मोदी सरकार पर आरोप है कि उसने इस इजरायली स्पाइवेयर की मदद से कई पत्रकारों, विपक्षी नेताओं और खुद के मंत्रियों तक की जासूसी की है. इस मामले पर संसद से लेकर मीडिया और सोशल मीडिया में खूब चर्चा है. विपक्षी दलों ने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं सरकार और बीजेपी ने भी अपना बचाव किया है.
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर हमला बोला. राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया के सामने आकर पेगासस प्रोजेक्ट को लेकर अपनी बात रखी. खड़गे ने कहा,
खड़गे ने कहा कि, जिन लोगों का नाम सामने आया है, क्या वो आतंकवादी हैं? जिन अखबारों ने स्वतंत्रता की आजादी में अहम भूमिका निभाई, उनके पीछे भी सरकार पड़ी है. अगर आपको अपने मंत्रियों की जासूसी करनी है तो आप कर लें, लेकिन बाकी लोगों के साथ ऐसा करना लोकतंत्र में ठीक नहीं है. मोदी ने इजरायली एनएसओ एजेंसी को कहा कि आप इनका पीछा करो और इनकी प्राइवेसी खत्म करो.
इसके बाद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, मोदी जी कहते हैं कि हम डिजिटल इंडिया की पैरवी करते हैं. लेकिन आज डिजिटल इंडिया नहीं सर्विलांस इंडिया का स्वरूप हमारे सामने पेश किया जा रहा है. ये एनएसओ वाले खुद कह रहे हैं कि उग्रवाद के खिलाफ लड़ने के लिए सरकार इसका इस्तेमाल करती है. लेकिन असलियत में ये इस्तेमाल उनके खिलाफ हो रहा है, जिन्हें समझा जाता है कि वो मोदी जी के खिलाफ खतरा पैदा कर सकते हैं. जो मोदी जी के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत रखते हैं. चौधरी ने कहा कि,
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने नए आईटी मिनिस्टर अश्वनी वैष्णव को पेगासस मामले को लेकर आड़े हाथों लिया. चिदंबरम ने उनसे कहा कि एनएसओ ग्रुप साफतौर पर एक चीज कहता है कि वो अलग-अलग देशों की सरकारी एजेंसियों को ही अपनी सेवाएं देता है. इसीलिए ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि मंत्री वैष्णव ने गलत तरीके से अपनी इनिंग की शुरुआत की है.
कांग्रेस के अलावा ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को लेकर आवाज उठानी शुरू कर दी है. बता दें कि ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है. टीएमसी के तमाम नेता इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर आवाज उठाई जा रही है. टीएमसी सांसद डेरेक ओ-ब्रायन ने कहा है कि, पेगासस मुद्दा काफी बड़ा और जरूरी है. उन्होंने दावा किया है कि उनके पास अभी और नाम हैं. जिनमें अन्य नेता और जज शामिल हैं. अगले कुछ दिनों में ये नाम सामने आएंगे.
अब विपक्ष के इन तमाम आरोपों के बाद बीजेपी ने भी सामने आकर सफाई दी. बीजेपी ने कहा कि, मानसून सत्र से ठीक पहले जानबूझकर ये मुद्दा उठाया गया है. तमाम मंत्रियों ने सरकार के बचाव का मोर्चा संभाला.
खुद गृहमंत्री अमित शाह ने इस मामले को लेकर ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने कहा कि, विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां अपने षड्यंत्रों से भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक पायेंगी. मानसून सत्र देश में विकास के नये मापदंड स्थापित करेगा. उन्होंने लिखा,
वहीं बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि, कांग्रेस ने बीजेपी पर स्तरहीन आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा,
"आज के नेतृत्व में जो कांग्रेस पार्टी बालाकोट और उरी में देश के जवानों की शहादत का सबूत मांगती है उससे हम क्या अपेक्षा करें? ये सारी कहानी मानसून सत्र से पहले ही क्यों शुरू हुई? क्या इसकी प्लानिंग हो रही थी?"
बीजेपी नेता प्रसाद ने द वायर जिसने ये रिपोर्ट सबसे पहले छापी, उस पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि द वायर ने पहले भी कई झूठे आरोप लगाए हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि इस पूरी कहानी में एक भी सबूत ऐसा नहीं है जो भारत सरकार के खिलाफ हो. जन्होंने स्टोरी को ब्रेक किया, उन्होंने खुद कहा है कि इस डाटाबेस का मतलब ये नहीं है कि सभी के नंबरों को हैक किया गया.
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Published: 19 Jul 2021,08:54 PM IST