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पेगासस जासूसी मामले पर हंगामे के बीच केंद्र सरकार इसे मुद्दा मानने के लिए ही तैयार नहीं है. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि पेगासस कोई मुद्दा नहीं है. प्रह्लाद जोशी का बयान उस वक्त आया है जब इसको लेकर विपक्ष एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार पेगासस मामले में चर्चा के लिए तैयार थी.
19 जुलाई को मानसून सत्र की शुरुआत होते ही पेगासस जासूसी मामले को लेकर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विपक्षी दलों द्वारा विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है.
शुक्रवार 30 जुलाई को भी विरोध के चलते लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि इस बीच कैलाश जोशी ने विरोध कर रहे सदस्यों से प्रश्नकाल के दौरान सदन को चलने की अनुमति देने का आग्रह किया.
प्रह्लाद जोशी ने प्रदर्शन कर रहे विपक्षी दलों के व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि पेगासस का मुद्दा गंभीर नहीं है.
प्रहलाद जोशी ने आगे ये भी कहा कि भारत के लोगों से सीधे जुड़े हुए कई और भी मुद्दे हैं सरकार उन पर चर्चा करने के लिए तैयार है. यह बात उन्होंने तब कही जब विपक्षी दलों ने मांग की है कि पेगासस मुद्दे पर सरकार बहस करे.
जब सदन ने बिना चर्चा के विधेयक पारित कर दिए तो उस पर टिप्पणी करते हुए प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हम बिना चर्चा की विधेयक को पारित नहीं करना चाहते हैं. इसके साथ प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने पेगासस और अन्य मामलों में अपना विरोध जताते हुए तख्तियां और नारों के साथ अपना विरोध जारी रखा.
पेगासस मामले राहुल गांधी पहले कह चुके हैं कि, "सरकार ने जिस तरीके से इसका उपयोग कर्नाटक में जासूसी करने के लिए किया और कई जांचों को रोकने के लिए किया. वो गलत है. पेगासस मामले में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और अन्य संस्थाओं के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया है जो सीधे सीधे देशद्रोह है."
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