Home News Politics 2019 के रोडमैप से ज्यादा विपक्ष पर केंद्रित रहा पीएम मोदी का भाषण
2019 के रोडमैप से ज्यादा विपक्ष पर केंद्रित रहा पीएम मोदी का भाषण
कांग्रेस पार्टी, महागठबंधन पर जमकर हमला
नीरज गुप्ता
पॉलिटिक्स
Updated:
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पीएम मोदी के भाषण के साथ खत्म हुई दो दिन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी
(फोटो : बीजेपी)
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दिल्ली में हुई बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कांग्रेस पार्टी और विपक्ष का महागठबंधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निशाने पर रहे. मोदी ने कहा कि महागठबंधन का मतलब है- नेतृत्व का ठिकाना नहीं, नीति अस्पष्ट, नीयत भ्रष्ट. पीएम ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को ‘अजेय भारत, अटल भाजपा’ का नया नारा दिया.
दो दिन चली कार्यकारिणी में पीएम मोदी के समापन भाषण का ब्योरा केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया को दिया.
कांग्रेस पर जमकर हमला
उम्मीद की जा रही थी कि पार्टी के इस बड़े मंच पर मोदी 2019 का कोई नया खाका खींचेंगे. लेकिन अपने रोडमैप से ज्यादा उनका निशाना कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पर रहा. उन्होंने कहा:
लोकतंत्र में विपक्ष होना चाहिए, लेकिन हमारी पीड़ा ये है कि जो सत्ता में विफल रहे, वो विपक्ष में भी विफल हैं. आज तक उन्होंने सही मुद्दों पर कोई बात नहीं उठाई. हमारे वैचारिक अधिष्ठान पर सवाल पूछो, लड़ाई करो, हम लड़ने को तैयार हैं.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
पीएम मोदी एक बार फिर एक परिवार के 48 साल बनाम हमारे 48 महीने का सवाल उठाया. उन्होंने कहा, ‘'हम उनसे पूछेंगे कि आपने किस के लिए काम किया, क्यों किया और किस नीयत से किया?’' पीएम ने कहा:
हमारी दिक्कत ये कि वो न मुद्दों पर लड़ते हैं, न काम पर लड़ते हैं, वो सिर्फ झूठ पर लड़ते हैं. हमारी दिक्कत ये है कि हम नीति से लड़ने को तैयार हैं, लेकिन झूठ से लड़ना हमें नहीं आता. लेकिन अब रणनीति के तहत उनके झूठ का जवाब देना चाहिए.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
पीएम मोदी नाम लिए बगैर राहुल गांधी पर भी बोले. उन्होंने कहा:
कांग्रेस की लीडरशिप को कोई स्वीकार करने को तैयार नहीं है. छोटे-छोटे दल भी कांग्रेस लीडरशिप को नहीं मान रहे और कई तो उसे बोझ मानते हैं. ये स्थिति कांग्रेस के अंदर भी है.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वो तर्कों के आधार पर कांग्रेस के झूठ को बेनकाब करें.
कांग्रेस पार्टी पिछले कई दिनों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठे वादे करने का आरोप लगा रही है. पार्टी के सोशल मीडिया से लेकर राहुल गांधी के भाषणों तक में ये हमला बार-बार दिखता है. राफेल सौदों से लेकर बैंकिंग घोटाले तक कांग्रेस मोदी को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही. लगता है कि इसीलिए पीएम मोदी को जरूरत महसूस हो रही है कि कांग्रेस को उसी की भाषा में जबाव दिया जाए.
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को विशेष श्रद्धांजलि दी गई(फोटो : बीजेपी)
‘उनकी मजबूरी, हमारी सफलता’
विपक्षी पार्टियों के संभावित महागठबंधन को आड़े हाथों लेते हुए पीएम मोदीकहा:
आज महागठबंधन की चर्चा है और ऐसे लोग जो एक-दूसरे को देख नहीं सकते, वो गले लगने को मजबूर हैं. उनकी ये मजबूरी हमारी सफलता है. जनता के बीत हमारी लोकप्रियता और विश्वास बढ़ा है, इसलिए वो साथ आने को मजबूर हैं, जबकि उनके बीच कुछ भी साझा नहीं है.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
पीएम ने अपने चिरपरिचित अंदाज में कहा:
महागठबंधन मतलब- नेतृत्व का ठिकाना नहीं, नीति अस्पष्ट, नीयत भ्रष्ट
देशभर में विपक्ष के संभावित गठबंधन के माहौल काअसर बीजेपी की बैठक में दिखने की वजह साफ है. उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों में कांग्रेस पार्टी क्षेत्रीय पार्टियों को साथ लाने की कोशिश कर रही है. गठबंधन की सूरत में इन राज्यों में बीजेपी को तगड़ा झटका लगने का खतरा है. इसीलिए मोदी गठबंधन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाकर संदेश देना चाहते हैं कि वो माकूल विकल्प नहीं है.
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‘बूथ हमारी चौकी, संगठन हमारा किला’
बूथ मैनेजमेंट बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का मजबूत पक्ष है. लेकिन पीएम का जोर इसे और मजबूत करने पर रहा. कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा:
हमें एक-एक पोलिंग बूथ को मजबूत करना है और वहां जीतना है. कार्यकर्ताओं को इसकी चिंता करनी चाहिए. बूथ हमारी वो चौकी है, जिस पर हमारे संगठन का किला खड़ा है.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
एक देश, एक चुनाव
एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर भी बैठक में चर्चा हुई. हालांकि पीएम ने कहा कि इसके लिए दबाव नहीं होना चाहिए, लेकिन समाज के तमाम वर्गों में इस पर बात होनी चाहिए, ताकि इस मुद्दे पर लोगों का रुख समझ में आ सके. उन्होंने कहा:
हमने ‘एक देश, एक टैक्स’ करके दिखाया. ‘एक देश, एक पावर’ करके दिखाया. तो हमें ‘एक देश ,एक चुनाव’ भी करके दिखाना है.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
हालांकि बैठक में उज्ज्वला, जनधन, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, आयुष्मान भारत, स्वच्छ भारत, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसी तमाम सरकारी योजनाओं का भी जिक्र हुआ. लेकिन राफेल डील, पैट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों, सवर्णों के आंदोलन जैसे मुद्दों पर कोई बात नहीं हुई.
राम मंदिर का मुद्दा भी दो दिन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कोई जगह नहीं पा सका. इस बारे में सवाल पर पार्टी ने बस इतना कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है.