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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा हुए 7 दिन बीत गए हैं, बीजेपी-शिवसेना के बीच घमासान जारी है. दोनों पार्टियां नतीजों की घोषणा के बाद एकसाथ नजर नहीं आई हैं. लेकिन मीडिया के जरिए बयानबाजी जोरों पर है. शिवसेना, बीजेपी को 50-50 का फॉर्मूला याद दिला रही है तो बीजेपी मुख्यमंत्री पद से दावेदारी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. अगर शिवसेना नहीं मानी तो महाराष्ट्र में क्या हो सकता है. कौन सी सियासी स्थितियां पैदा हो सकती हैं?
साल 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 122 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी,लेकिन सरकार बनाने के जादुई आंकड़े से काफी पीछे थी. ऐसे में एनसीपी ने सरकार बनाने के लिए बिना मांगे बाहरी समर्थन दिया था. अगर इस बार भी फ्लोर टेस्ट के समय एनसीपी के विधायक वाकआउट कर जाए तो बहुमत का जादुई आंकड़ा नीचे आ जाएगा और बीजेपी अल्पमत की सरकार बना लेगी..
एक स्थिति ये हो सकती है कि राज्यपाल शिवसेना को सरकार बनाने के लिए न्योता दे. अगर ऐसा होता है तो शिवसेना, एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है. शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के विधायकों की संख्या जोड़ दें तो सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा पार किया जा सकता है.
महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार बनाने के लिए पूरी तरह से कॉन्फिडेंट है. कहा जा रहा है कि उपमुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी और शिवसेना के बीच बात हो सकती है लेकिन मुख्यमंत्री और गृहमंत्री पद देने के लिए बीजेपी कतई तैयार नहीं होगी.
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