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पूर्व सांसद और आरजेडी नेता प्रभुनाथ सिंह को 22 साल पुराने मर्डर केस में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. हजारीबाग कोर्ट ने जेल में बंद प्रभुनाथ सिंह को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए सजा सुनाई . प्रभुनाथ सिंह के अलावा उनके भाई दीनानाथ सिंह और रितेश सिंह को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है और 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा है.
3 जुलाई 1995 को पटना में अशोक सिंह की उनके घर में बम मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप प्रभुनाथ सिंह, उनके भाई दीनानाथ सिंह और रितेश सिंह पर लगा था. 22 सालों से ये केस कोर्ट में चल रहा था.
प्रभुनाथ सिंह 1998 में लोकसभा चुनाव में समता पार्टी के टिकट पर महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे. उन्होंने कांग्रेस के महाचंद्र प्रसाद सिंह को हराकर जीत हासिल की थी. इस जीत के बाद ही प्रभुनाथ सिंह का राजनीतिक कद बढ़ने लगा था. 1999 के लोकसभा चुनाव में भी उनको जीत मिली.
2004 में जेडीयू के टिकट पर प्रभुनाथ सिंह एक बार फिर सांसद चुने गए. 2012 में नीतीश कुमार से रिश्ते बिगड़ने के बाद वो आरजेडी में शामिल हो गए थे. कहा जाता है कि प्रभुनाथ सिंह के लालू प्रसाद यादव से काफी अच्छा संबंध है. 2014 के लोकसभा चुनाव में वो आरजेडी की सीट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन वो हार गए थे.
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