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प्रज्ञा ठाकुर का EC को जवाब-‘शहीद के बारे में अपमानजनक नहीं कहा’

एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के दो दिन बाद प्रज्ञा ठाकुर ने एक और विवादित बयान दे दिया है

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प्रज्ञा ठाकुर का EC को जवाब-‘शहीद के बारे में अपमानजनक नहीं कहा’
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प्रज्ञा ठाकुर का EC को जवाब-‘शहीद के बारे में अपमानजनक नहीं कहा’
(फोटोः PTI)

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मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए तत्कालीन एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के दो दिन बाद प्रज्ञा ठाकुर ने एक और विवादित बयान दे दिया है. अयोध्या में राममंदिर निर्माण की समयसीमा के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी प्रज्ञा ने एक टीवी चैनल से कहा, ‘‘राममंदिर हम बनाएंगे और भव्य बनाएंगे. हम तोड़ने गये थे (बाबरी मस्जिद का) ढांचा. मैंने चढ़कर तोड़ा था ढांचा. मुझे ईश्वर ने शक्ति दी थी. हमने देश का कलंक मिटाया है.''

इलेक्शन कमीशन का नोटिस, प्रज्ञा का जवाब

इस मामले में इलेक्शन कमीशन ने आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए प्रज्ञा को शनिवार देर रात को ही कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है और उनसे 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा. प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कमीशन को जवाब में कहा है कि उन्होंने किसी भी शहीद के बारे में अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है.

मैंने अपने उद्बोधन में किसी शहीद की शहादत के बारे में अपमानजनक बात नहीं कही. ये मेरा अधिकार है कि मेरे साथ जो घटना हुई है उसे जनता के सामने रखूं.
प्रज्ञा सिंह ठाकुर, बीजेपी नेता

इससे पहले इलेक्शन कमीशन के नोटिस में प्रज्ञा से कहा गया है, ‘‘आप एक दिन के भीतर अपनी सफाई पेश करें. नहीं तो एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी.''

नोटिस मिलने के बारे में पूछे जाने पर प्रज्ञा ने रविवार को बताया, ‘‘मुझे दो नोटिस मिले हैं. राम मंदिर वाले बयान का भी मिला है. मैं नोटिस का विधिवत जवाब दूंगी.'' जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वो भी उस समय अयोध्या गई थीं, जब विवादित ढांचे को तोड़ा गया था तो इस पर उन्होंने कहा था, ‘‘हां, मैं वहां (अयोध्या) गई थी. मैंने यहेकल भी कहा था. मैं इससे मुकर नहीं रही हूं. ढांचे को तोड़ा गया. एक भव्य मंदिर बनाया जाएगा. कोई भी मुझे वहां पर भव्य मंदिर बनाने से नहीं रोक सकता.''

एक दूसरे सवाल के जवाब में प्रज्ञा ने कहा, ‘‘विवादस्पद ढांचे का क्या मतलब? हम भव्य राम मंदिर बनाएंगे.''

6 दिसंबर 1992 को गिराया गया था बाबरी मस्जिद का ढांचा

6 दिसम्बर 1992 को कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया था. अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इस नोटिस के साथ ही प्रज्ञा को आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए अब तक दो कारण बताओ नोटिस जारी हो चुके हैं. इससे पहले निर्वाचन आयोग ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे के बारे में गुरुवार को दिए गए विवादित बयान पर भी प्रज्ञा को शनिवार शाम को ही कारण बताओ नोटिस जारी किया था. 29 सितम्बर, 2008 को मालेगांव में हुए बम धमाकों के मामले में प्रज्ञा आरोपी हैं और तकरीबन 9 साल जेल में रहीं हैं. इस बहुचर्चित मामले में वो इन दिनों जमानत पर चल रही हैं. अब वो भोपाल सीट से बीजेपी की लोकसभा प्रत्याशी भी हैं.

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Published: 21 Apr 2019,04:58 PM IST

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