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बिहार में कन्हैया कुमार के साथ नई ‘फौज’ बनाएंगे प्रशांत किशोर?

गांव-गांव से युवाओं को जुटाने का एलान

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
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प्रशांत किशोर ने बिहार के गांव-गांव से युवाओं को जुटाने का एलान किया है.
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प्रशांत किशोर ने बिहार के गांव-गांव से युवाओं को जुटाने का एलान किया है.
(फोटो ग्राफिक्स: क्विंट हिंदी)

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बिहार में सियासी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की नई टीम को लेकर चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है. प्रशांत ने युवाओं को जुटाकर राजनीतिक शक्ति खड़ी करने की बात कही है. ऐसे में नीतीश-बीजेपी की साझा सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले युवाओं को प्रशांत किशोर के नए साथियों के तौर पर देखा जा रहा है. छात्र नेता कन्हैया कुमार का नाम भी इनमें शामिल है.

प्रशांत किशोर के साथ काम कर रहे एक नेता ने कहा कि

“इन युवा चेहरों में जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार शामिल हो सकते हैं. ऐसी पूरी संभावना है कि कन्हैया कुमार आने वाले कुछ दिनों में या बिहार चुनाव से ठीक पहले प्रशांत किशोर की टीम से जुड़ जाएं.”

सूत्रों का यहां तक दावा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध में कन्हैया कुमार की पूरे बिहार में हो रही यात्रा प्रशांत किशोर के स्टाइल में ही हो रही है.

ऐसा भी कहा जा रहा है कि प्रशांत किशोर एक रणनीति के तहत कन्हैया कुमार को पूरे बिहार में नागरिकता कानून के विरोध में उतार कर आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मौके को भांप रहे हैं.

महागठबंधन के सिपहसालार?

प्रशांत किशोर की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ नजदीकियां जगजाहिर हैं. फिलहाल प्रशांत तृणमूल कांग्रेस के लिए भी काम कर रहे हैं. प्रशांत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी सभी बड़े नेताओं से मिलते रहे हैं. ऐसे में यह भी आकलन किया जा रहा है कि प्रशांत किशोर बिहार में जारी महागठबंधन के सिपहसलार ही बन जाएं. प्रशांत किशोर नीतीश कुमार की पार्टी जद(यू) और लालू प्रसाद की पार्टी राजद के बीच गठबंधन कराने का प्रयास भी कर चुके हैं.

छात्र नेता कन्हैया कुमार इन दिनों नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ बिहार में यात्रा कर रहे हैं(फोटो: इंस्टाग्राम)

नागरिकता कानून के खिलाफ बिहार में लगातार अभियान चला रहे कन्हैया कुमार को युवा पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों का समर्थन मिलता दिख रहा है, लेकिन दिल्ली समेत देश के अन्य प्रदेशों में यह आंदोलन धीमा पड़ता दिख रहा है. ऐसे में सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि गुजरात मे भाजपा सरकार के खिलाफ जिग्नेश, अल्पेश और हार्दिक पटेल वाला प्रयोग बिहार में कितना सफल हो पाएगा.

एनडीए भी है तैयार

दूसरी तरफ एनडीए, बिहार की सत्ता को अपने हाथ से किसी भी कीमत पर निकलने नहीं देना चाहेगा. अगला विधानसभा चुनाव जीतने की रणनीति के तहत ही नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का ऐलान किया गया है.

प्रशांत किशोर भी जानते हैं कि उन्हें अगर बिहार में चुनावी राजनीति करनी है तो एनडी से लड़ने के लिए उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार, अमित शाह, सुशील मोदी जैसे बड़े चेहरों से मुकाबला करना होगा.

(इनपुट- IANS)

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