मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019पूर्व CJI गोगोई राज्यसभा के लिए नामित, कांग्रेस-AIMIM ने उठाए सवाल

पूर्व CJI गोगोई राज्यसभा के लिए नामित, कांग्रेस-AIMIM ने उठाए सवाल

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व सीजेआई को किया राज्यसभा के लिए नामित

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Updated:
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व सीजेआई को किया राज्यसभा के लिए नामित
i
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व सीजेआई को किया राज्यसभा के लिए नामित
(फोटो:AlteredByQuint)

advertisement

राज्यसभा की खाली हो रहीं 55 सीटों पर चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया है. रंजन गोगोई को उनके कार्यकाल में दिए गए कई बड़े फैसलों को लिए जाना जाता है. जिनमें से अयोध्या-बाबरी मस्जिद विवाद भी एक है. लेकिन गोगोई के नामित होने पर सवाल उठने भी शुरू हो चुके हैं. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दो मीडिया रिपोर्ट्स का स्क्रीनशॉट शेयर कर कहा कि तस्वीर सब कुछ कह रही है. वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने भी गोगोई के नामित होने पर सवाल उठाए.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के राज्यसभा में नामित होने वाली एक खबर का स्क्रीनशॉट शेयर किया. इसके साथ ही उन्होंने एक दूसरे आर्टिकल का स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किया. जिसमें लिखा गया था- 'भारत की न्यायपालिका से लोगों का विश्वास उठता जा रहा है'.

सुरजेवाला के अलावा एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी ट्विटर पर सवाल खड़ा किया और आरोप लगाया कि ये किस बात के बदले में दिया गया है. उन्होंने ये भी कहा कि ऐसे में लोग कैसे जजों की स्वतंत्रता पर भरोसा करेंगे. ओवैसी ने लिखा,

“क्या ये किसी चीज के बदले में मिला है? लोग कैसे जजों की स्वतंत्रता पर भरोसा करेंगे? कई सवाल हैं.”
असदुद्दीन ओवैसी
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

अयोध्या मामले पर बड़ा फैसला

देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में 3 अक्टूबर, 2018 को शपथ लेने वाले गोगोई भारतीय न्यायपालिका के शीर्ष पद पर पहुंचने वाले पूर्वोत्तर राज्यों के पहले व्यक्ति हैं. उनका कार्यकाल 13 महीने से थोड़ा ज्यादा का रहा.

जस्टिस गोगोई को कठोर और कभी-कभी चकित करने वाले फैसले लेने के लिए जाना जाता है. अयोध्या मामले के फैसले में यह दोनों ही बातें नजर आईं. उन्होंने ना सिर्फ दलीलों को बेवजह लंबा खिंचने से रोका बल्कि ‘‘बस अब बहुत हो गया’ कह कर पूरे मामले की सुनवाई तय तारीख (18 अक्टूबर) से दो दिन पहले 16 अक्टूबर को ही पूरी कर ली.

लोगों को चकित करने का अपना अंदाज बनाए रखते हुए गोगोई ने 8 नवंबर की रात कहा कि अयोध्या मामले में फैसला 9 नवंबर को सुबह साढ़े दस बजे सुनाया जाएगा, जबकि सभी अटकलें लगा रहे थे कि जस्टिस गोगोई अपना कार्यकाल खत्म होने से 2-3 दिन पहले यह फैसला सुनाएंगे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 16 Mar 2020,10:30 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT