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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को दावा किया था कि उनके सरकारी आवास का किराया ठीक उतना ही है, जितना उनकी श्रेणी के अन्य लोगों के आवास का है और सुरक्षा कारणों से उन्होंने यह परिसर लिया है. इस आवास के लिए उन्होंने किसी किस्म की सरकारी सहायता नहीं ली.
रविवार को अपने इस दावे पर अडिग रहते हुए प्रियंका गांधी ने अंग्रेजी अखबार ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ को कानूनी नोटिस भेजा. उन्होंने मांग की कि अखबार के संपादक उनके सरकारी आवास संबंधी रिपोर्ट पर माफी मांगें.
प्रियंका गांधी वाड्रा के वकील अमन पंवार ने इस संबंध में अखबार के एडिटर-इन-चीफ जयदीप बोस और अन्य को लीगल नोटिस दिया है.
प्रियंका के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सरकार द्वारा निर्धारित विशेष लाइसेंस शुल्क वह नियमित तौर पर देती रही हैं. इसके लिए उन्होंने कभी कोई सरकारी सहायता नहीं ली.
प्रियंका की ओर से यह बयान तब आया है, जब अखबार में प्रकाशित एक रिपोर्ट में प्रियंका पर सरकारी आवास के किराए के लिए सरकारी सहायता लेने का आरोप लगाया गया.
अखबारी रिपोर्ट में सूचना का अधिकार के तहत प्राप्त एक जवाब का जिक्र किया गया था. इस रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने सरकार को सूचित किया कि उन्होंने एसपीजी के अनुरोध पर यह बंगला लिया है, जिसके बड़े हिस्से पर इसी सुरक्षा एजेंसी का कब्जा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि इस समय प्रियंका टाइप-6 के सरकारी आवास के लिए महज 31,000 रुपये प्रति माह भुगतान करती हैं.
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Published: 18 Apr 2016,10:30 AM IST