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पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) पूरी तरह से एक्शन में नजर आ रहे हैं. अब इसे चुनाव की सरगर्मी कहें या किसान आंदोलन (Farmers Protest) का असर लेकिन मुख्यमंत्री चन्नी ने किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का आदेश दिया है.
पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान और राजनीतिक उठापटक के बीच मुख्यमंत्री चन्नी ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को पत्र लिखकर कहा है कि किसान आंदोलन के दौरान पटरियों पर बैठे प्रदर्शनकारी किसानों और किसान संगठनों के खिलाफ दर्ज मामले वापास ले.
चरणजीत सिंह चन्नी ने आशीर्वाद स्कीम के तहत लाभार्थियों के ऊपर लगने वाली उम्र की सीमा को भी खत्म कर दिया है. पंजाब सरकार ने कोविड-19 से माता पिता की मौत पर बच्चों के लिए आशीर्वाद स्कीम लांच किया था, लेकिन इसमें उम्र की सीमा थी. अब चन्नी ने इस सीमा को खत्म करके इस योजना को हर आयु वर्ग के लोगों के लिए खोल दिया है.
पीएम मोदी से मुलाकात के बाद चन्नी ने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री से तीन कृषि कानूनों को लेकर जारी इस आंदोलन को समाप्त कराने का आग्रह किया है. उन्होंने मेरी बात ध्यान से सुनी और कहा कि वह भी इस समस्या का समाधान चाहते हैं और इस दिशा में काम कर रहे हैं."
पंजाब के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान यह भी कहा कि पंजाब की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है. अगर किसान और खेत मजदूर खुश हैं तो यह प्रगति कर सकता है. इसके अलावा इस बार पंजाब में धान की खरीद को 10 अक्टूबर तक टाल दिया गया है जिसे चन्नी ने जल्द से जल्द शुरू करने की अपील की.
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