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नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) 21 जुलाई को स्वर्ण मंदिर में कांग्रेस के 62 विधायकों के जत्थे के साथ माथा टेकते नजर आए. जिसे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के सामने सिद्धू का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है. सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के सभी 77 विधायकों को न्योता भेजा था, जिनमें से 62 विधायक उनके आवास पर जमा हुए.
पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह शांत होने के आसार नजर नहीं आ रहे.कैप्टन ने अपना रुख स्पष्ट किया है कि वह नवनिर्वाचित पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से तब तक मुलाकात नहीं करेंगे जब तक कि वह अपने "अपमानजनक सोशल मीडिया हमलों" के लिए सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते हैं.
सिद्धू द्वारा सीएम से मिलने के लिए समय मांगने की खबरों को निराधार बताते हुए अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्वीट किया कि "कैप्टन अमरिंदर से मिलने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा समय मांगने की रिपोर्ट पूरी तरह से झूठी है. उनके रुख में कोई बदलाव नहीं है. मुख्यमंत्री सिद्धू से तब तक नहीं मिलेंगे जब तक कि वो उनके खिलाफ व्यक्तिगत रूप से किए गए अपमानजनक सोशल मीडिया हमलों के लिए सार्वजनिक माफी नहीं मांग लेते".
सीएम अमरिंदर सिंह के मीडिया एडवाइजर की तरफ से यह बयान तब आया है, जब तृप्त बाजवा, सुखविंदर सरकारिया और चरणजीत चन्नी ने सीएम से "बड़ा दिल रखने और सिद्धू को भी प्रताप बाजवा की तरह माफ करने" की मांग की थी.
गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 17 जुलाई को कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी और पंजाब प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात करते हुये पार्टी के आलाकमान को यह साफ तौर पर बताया था कि सिद्धू ने 150 अपमानजनक ट्वीट कर पंजाब कांग्रेस और उनकी सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े किए और उन्हें शर्मसार किया. उन्होंने सिद्धू से तब तक मिलने से इनकार कर दिया जब तक कि वो सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते.
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Published: 21 Jul 2021,12:47 PM IST