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पंजाब कांग्रेस में सीएम अमरिंदर सिंह और मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही तकरार खुलकर सामने आ गई है. अमरिंदर सिंह से नाराज चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने कैबिनेट की बैठक में हिस्सा नहीं लिया. लोकसभा चुनावों के बाद कैबिनेट की ये पहली बैठक है. नवजोत सिंह का कहना है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों की जिम्मेदारी सबकी है, लेकिन सिर्फ उनके विभाग को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
सिद्धू का कहना है कि उन्हें लोकसभा चुनाव में दो जिलों की जिम्मेदारी दी गई थी. इन दोनों ही जिलों में पार्टी को बड़ी जीत हासिल हुई है. साथ ही शहरी सीटों की लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका रही है.
सिद्धू ने अपने स्थानीय निकाय विभाग के कामकाज का भी बचाव करते हुए कहा था कि अमरिंदर सिंह सरकार के किसी और मंत्री ने “इतनी पारदर्शिता” से काम नहीं किया.
इससे पहले सीएम अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री ने हाल में कहा था कि मंत्री के तौर पर सिद्धू के प्रदर्शन की समीक्षा की जरूरत है और वह “अपना ही विभाग संभाल पाने में सक्षम नहीं हैं”, इसके बाद सिद्धू की तरफ से से भी रियक्शन आया है और वो नाराज बताए जा रहे हैं.
अमरिंदर सिंह ने कहा था कि पंजाब के शहरी इलाकों में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. सिद्धू शहरी विकास मंत्री हैं. बेअदबी मामले में सिद्धू की टिप्पणी का “बठिंडा में पार्टी के प्रदर्शन पर असर पड़ने” की संभावना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि चुनाव नतीजों के बाद वो पार्टी आलाकमान के समक्ष यह मुद्दा उठाएंगे. मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर रियक्शन देते हुए सिद्धू ने कहा कि जब उन्होंने विभाग का जिम्मा संभाला था तो वह “दिशाहीन जहाज”था.
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Published: 06 Jun 2019,04:03 PM IST