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झारखंड विधानसभा चुनाव में अधिकतर मतदाताओं के बीच मुख्यमंत्री से नाखुशी एक मुद्दा है. आईएएनएस और सी-वोटर झारखंड जनमत सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है. झारखंड में 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं. यहां रोजगार के अवसर, व्यापार, सड़कों की हालत, बिजली व पानी की आपूर्ति जैसे मुद्दे मतदाताओं को परेशान कर रहे हैं.
सर्वेक्षण में लोगों से पूछा गया कि क्या आप मुख्यमंत्री को तुरंत बदलना चाहते हैं? इसका जवाब 60 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने 'हां' में दिया. जबकि 37.7 फीसदी मतदाताओं का जवाब 'ना' रहा. इसके अलावा मतदाताओं से पूछा गया कि क्या वे राज्य सरकार में तुरंत बदलाव चाहते हैं? इस पर 55.7 फीसदी मतदाताओं ने 'हां' कहा, जबकि 42.5 फीसदी ने 'नहीं' जवाब दिया.
यह पूछे जाने पर कि कौन सी पार्टी समस्याओं को बेहतर तरीके से हल कर सकती है, 38 फीसदी लोगों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर भरोसा जताया. वहीं 10.2 फीसदी लोगों ने महसूस किया कि विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) मुद्दों को हल कर सकता है. जबकि 3.2 फीसदी मतदाताओं का मानना है कि झारखंड विकास मोर्चा समस्या का समाधान कर सकता है. इसके अलावा 16.7 फीसदी लोगों का कहना है कि कोई भी दल इन तमाम समस्याओं का हल नहीं कर सकता है.
मतदाताओं से जब पूछा गया कि इन समस्याओं के लिए आप किसे जिम्मेदार मानते हैं? इस पर 26 फीसदी मतदाताओं ने भाजपा की राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया, वहीं 11 फीसदी से अधिक लोगों ने मुख्यमंत्री को सीधे तौर पर जिम्मेदार माना. इसके अलावा लोगों से सवाल पूछा गया कि आपके राज्य का मुख्यमंत्री बनने के लिए सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार कौन हो सकता है? इसके जवाब में भाजपा के वर्तमान मुख्यमंत्री रघुबर दास पर सबसे अधिक 28 फीसदी लोगों ने विश्वास जताया. वहीं, झामुमो के हेमंत सोरेन पर 22.7 फीसदी और जेवीएम के बाबूलाल मरांडी पर 21.9 फीसदी लोगों ने अपना विश्वास जताया. इसके साथ ही भाजपा के अर्जुन मुंडा को 8.2 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री के तौर पर देखने की इच्छा जताई.
यह जनमत सर्वेक्षण नवंबर महीने के दौरान कुल 8,923 मतदाताओं से की गई बातचीत पर आधारित रहा.
(इनपुट: IANS)
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