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आरोग्य सेतु ऐप को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच बहस छिड़ती दिख रही है. सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन के भीतर रह रहे सभी लोगों को कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग ऐप आरोग्य सेतु को डॉउनलोड करना होगा. हालिया निर्देश में ये भी कहा गया है कि पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के सभी कर्मचारियों को ये ऐप डाउनलोड करना होगा. इस तरह ऐप का दायरा कंटेनमेंट जोन से ज्यादा बढ़ा दिया गया है. अब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस ऐप को लेकर सवाल खड़े किए हैं.
राहुल गांधी का कहना है कि ये ऐप प्राइवेट सेक्टर के जरिए आउटसोर्स है कोई इंस्टीट्यूशनल निगरानी नहीं है इसलिए लोगों की प्राइवेसी पर ये ऐप खतरा है.
आरोपों का जवाब केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर झूठ फैलाने के आरोप के साथ दिया है. रविशंकर प्रसाद का कहना है कि जिस ऐप को पूरी दुनिया में सराहा जा रहा है, उसपर राहुल गांधी बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं.
मंत्रालय की गाइडलाइन में कंटेनमेंट जोन में आरोग्य सेतु ऐप की 100 फीसदी कवरेज के लिए कहा गया है.गाइडलाइन में एक तरफ कंटेनमेंट जोन के सभी नागरिकों में आरोग्य सेतु ऐप की 100 फीसदी कवरेज ‘जरूरी तौर पर तय’ करने के लिए कहा गया है. वहीं कोरोना प्रबंधन के लिए दिए गए राष्ट्रीय निर्देशों में ग्रीन जोन में रह रहे नागरिकों से भी इस ऐप को ‘डॉउनलोड करने के लिए’ कहा गया है.
दो अप्रैल को लॉन्च की गई आरोग्य सेतु ऐप को भारत सरकार ने बनाया है, यह एक कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग टूल है. इसके जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि क्यो कोई शख्स कोरोना संक्रमित से संपर्क में आया है या नहीं. ऐप की प्राइवेसी और सर्विलांस के लिए बड़े पैमाने पर आलोचना भी हुई है. इसमें ऑडिट और पारदर्शिता की भी कमी की बात लोगों ने कही है.
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Published: 02 May 2020,09:21 PM IST