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देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार और जानेमाने अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने राहुल गांधी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की. जिसमें उन्होंने राहुल से उनकी राजनीतिक और कांग्रेस पार्टी को लेकर कई सवाल किए. राहुल ने इस बातचीत में बताया कि कांग्रेस पार्टी में उनकी ही आलोचना कैसे हुई... उन्होंने कहा कि, मैं कई सालों से कांग्रेस में अंदरूनी लोकतंत्र को बढ़ावा देने की बात कर रहा हूं.
कौशिक बसु कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के तौर पर राहुल गांधी से बातचीत कर रहे थे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बसु ने लोकतंत्र से अपनी बात शुरू की. उन्होंने कहा कि भारत में डेमोक्रेसी को लेकर सवाल उठ रहे हैं, मीडिया, पब्लिक डिबेट और बोलने की आजादी को दबाया जा रहा है. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि,
राहुल गांधी ने इसका उदाहरण देते हुए कहा कि जब संसद में बहस चल रही होती है तो माइक बंद कर दिया जाता है. हमें संसद में नहीं बोलने दिया जाता है.
राहुल गांधी ने कहा कि मिश्र में एक कॉन्फ्रेंस में मुझे बुलाया गया था, जहां मेरे बगल में जज बैठे थे. मैं हैरान था कि ये जज पॉलिटिकल कॉन्फ्रेंस में क्या कर रहे हैं? तब मुझे ये समझ में आया. लेकिन वहां सिर्फ ये एक संस्थान था. बाकी के संस्थानों को भी यही एक संस्थान चला रहा था. यही आज भारत में भी हो रहा है. मणिपुर से सांसद हमारे पास आते हैं और कहते हैं कि गवर्नर अपना काम नहीं कर रही हैं. क्योंकि उन्हें नहीं लगता है कि उनके पास एक संवैधानिक पद है. क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके पास एक विचारधारा वाली पॉलिटिकल पोस्ट है. ठीक इसी तरह पुडुचेरी में भी हुआ.
बसु ने राहुल गांधी से पूछा कि, कांग्रेस में अंदरूनी लोकतंत्र को लेकर आपका क्या कहना है और आपको क्या लगता है कि पार्टी में निष्पक्ष लोकतंत्र है?
इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि,
कौशिक बसु ने जब राहुल गांधी से सवाल पूछा कि इमरजेंसी को लेकर उनका क्या कहना है और इसे लेकर वो क्या सोचते हैं तो इस पर राहुल ने कहा,
राहुल गांधी ने कहा कि अगर हम कल चुनाव जीत भी गए तो संस्थाओं में बैठे इनके लोगों से निपटना मुश्किल होगा. मध्य प्रदेश के सीएम ने सरकार गिरने से पहले मुझे बताया था कि ब्यूरोक्रेट्स उनकी बात सुनने को तैयार नहीं हैं. मैं उन्हें कोई काम करने को कहता हूं तो वो नहीं करते हैं.
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Published: 02 Mar 2021,10:46 PM IST