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कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को बड़ा झटका लगा है. लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद की सदस्यता को रद्द कर दिया है. सूरत कोर्ट ने मानहानि मामले में गुरुवार को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. हालांकि राहुल गांधी को इस मामले में 1 महीने की जमानत भी मिल गई थी लेकिन आज शुक्रवार, 24 मार्च को राहुल गांधी को बड़ा झटका देते हुए लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी है.
राहुल गांधी केरल के वायनाड सीट से सांसद थे. उन्होंने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?
राहुल के इसी बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था.
कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा गया कि राहुल गांधी जी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई. वह आपके और इस देश के लिए लगातार सड़क से संसद तक लड़ रहे हैं, लोकतंत्र को बचाने की हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं. हर षड्यंत्र के बावजूद वह यह लड़ाई हर कीमत पर जारी रखेंगे और इस मामले में न्यायसंगत कार्यवाही करेंगे...लड़ाई जारी है.
कांग्रेस सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट करते हुए लिखा राहुल गांधी के खिलाफ प्रतिशोधात्मक और शर्मनाक कार्रवाई है. यह अयोग्यता एक बार फिर साबित करती है कि हम बंदी लोकतंत्र के दौर में जी रहे हैं.
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में लिखा कि हम कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह से इस लड़ाई को लड़ेंगे. हम भयभीत या चुप नहीं रहेंगे. पीएम से जुड़े अडानी महामेगा घोटाले में जेपीसी के बजाय राहुल गांधी को अयोग्य ठहराया गया. भारतीय लोकतंत्र ओम शांति!
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपने ट्वीट में लिखा कोर्ट के फैसले के 24 घंटे के अंदर और अपील प्रक्रिया होने के दौरान इस कार्रवाई और इसकी तेजी से मैं स्तब्ध हूं. यह politics with the gloves off जैसी राजनीति है. यह हमारे लोकतंत्र के लिए अशुभ संकेत है.
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने ट्वीट में लिखा कि राहुल गांधी जी का कुसूर ये है कि उन्होंने अडानी समेत मोदी के भ्रष्टाचारी मित्रों पर सवाल उठाए. राहुल गांधी जी की सदस्यता लेकर सरकार ने लोकतंत्र को कलंकित करने का काम किया है. हम कानूनी और राजनैतिक दोनों तरीके से लडेंगे.
राष्ट्रीय जनता दल के ट्विटर हैंडल से किए ट्वीट में लिखा गया कि निर्लज्जता और तानाशाही का घालमेल अपने चरम पर!
आरजेडी सांसद मनोज झा ट्वीट करते हुए लिखा कि कितना विचित्र और निंदनीय है. बेशर्मी को नया पता मिल गया है. फिर भी यह मत कहो कि भारत में लोकतंत्र मर चुका है. विपक्ष के दलों को देखना चाहिए कि यह अकेले 'चुनाव' के बारे में नहीं है, बल्कि लड़ाई लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए होनी चाहिए...जय हिन्द
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