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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 31 अगस्त की रात से कैलाश मानसरोवर के लिए निकल पड़े हैं. यात्रा शुरू करने से पहले उन्होंने संस्कृत में श्लोक ट्वीट किया.
राहुल नेपाल के रास्ते मानसरोवर जाएंगे और पूरी यात्रा 12 दिन में पूरी होगी. कांग्रेस अध्यक्ष की तीर्थयात्रा को लेकर भी बीजेपी ने सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें चीन से प्यार है.
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पूछा
बीजेपी ने राहुल की कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर सवाल उठाते हुए कहा था कि आखिर राहुल बार-बार चीन क्यों चले जाते हैं. आखिर वह हर चीज पर चीन का नजरिया क्यों जानना चाहते हैं. वह वहां किन नेताओं से मिलेंगे.
राहुल गांधी ने कहा था कि वह कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाएंगे.
कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने से पहले राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल से बर्फ से ढके एक बड़े पर्वत की तस्वीर ट्वीट की गई है. इसके साथ ही कैप्शन में लिखा, “ॐ असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मामृतम् गमय, ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:”
कैलाश मानसरोवर यात्रा अपने धार्मिक मूल्यों और सांस्कृतिक महत्व के लिए जानी जाती है. हर साल सैकड़ों यात्री इस तीर्थ यात्रा पर जाते हैं. भगवान शिव के निवास के रूप में ये हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ यह जैन और बौद्ध धर्म के लोगों के लिए भी धार्मिक महत्व रखता है.
कैलाश मानसरोवर को भगवान शिव और पार्वती का घर माना जाता है. पौराणिक कथाओं में मानसरोवर के पास स्थित कैलाश पर्वत को शिव का धाम बताया गया है. कहा जाता है कि भगवान शिव यहीं वास करते हैं.
पुराणों के अनुसार, शिव का स्थायी निवास होने की वजह से इस स्थान को 12 ज्योतिर्लिंगों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है. बर्फ से ढके हुए करीब 22,028 फुट ऊंचे कैलाश पर्वत के पास के मानसरोवर को ही कैलाश मानसरोवर तीर्थ कहते हैं.
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Published: 31 Aug 2018,02:31 PM IST