Home News Politics PM मोदी के 56 इंच के विचार पर वार कर रहा चीन: राहुल गांधी
PM मोदी के 56 इंच के विचार पर वार कर रहा चीन: राहुल गांधी
राहुल बोले- मेरी चिंता इस बात को लेकर है कि आज चीनी हमारे इलाके में बैठे हैं
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पॉलिटिक्स
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राहुल गांधी
(फाइल फोटो: PTI)
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भारत-चीन विवाद के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपना एक और वीडियो जारी किया है. वीडियो में राहुल ने कहा है, ''मेरी चिंता इस बात को लेकर है कि आज चीनी हमारे इलाके में बैठे हैं और प्रधानमंत्री खुले तौर पर कह रहे हैं कि वे नहीं बैठे हैं.''
चीन की सामरिक रणनीति को लेकर राहुल ने कहा, ‘’चीनी बिना रणनीतिक सोच के कोई कदम नहीं उठाते. उनके दिमाग में दुनिया का नक्शा खिंचा हुआ है और वे अपने हिसाब से उसे आकार देने की कोशिश कर रहे हैं. उसी के तहत ग्वादर है, उसी में बेल्ट एंड रोड आता है.’’
जब आप चीनियों के बारे में सोचते हैं तो आपको यह समझना होगा कि वे किस स्तर पर सोच रहे हैं. अब आप सामरिक स्तर पर देखें, वे अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं, चाहे गलवान हो, भले ही डेमचोक हो या फिर पैंगोंग झील हो. उनका इरादा है- मजबूत स्थिति में आना.
हमारे हाइवे से वे परेशान हैं. वे हमारा हाइवे बर्बाद करना चाहते हैं और अगर वे कुछ बड़ा सोच रहे हैं, तो वो पाकिस्तान के साथ कश्मीर में कुछ करना चाहते हैं, इसलिए यह साधारण सीमा विवाद नहीं है. यह सुनियोजित सीमा विवाद है, भारतीय प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने के लिए, और वे एक खास तरीके से दबाव डालने के बारे में सोच रहे हैं और इसके लिए वे जो कर रहे हैं, वो है उनकी (प्रधानमंत्री) छवि पर हमला करना.
वे समझते हैं कि नरेंद्र मोदी को प्रभावी राजनीतिज्ञ बने रहने के लिए अपने 56 इंच के विचार की रक्षा करनी होगी और यही वो विचार है, जिस पर चीन वार कर रहा है. वह नरेंद्र मोदी को कह रहा है कि अगर आप वो नहीं करेंगे जो चीन चाहता है तो वह नरेंद्र मोदी की मजबूत नेता वाली छवि को ध्वस्त कर देगा.
राहुल ने इसके आगे कहा है, ‘’अब सवाल उठता है कि नरेंद्र मोदी कैसे प्रतिक्रिया देंगे? क्या वह उनकी चुनौती स्वीकार करेंगे और कहेंगे- ‘बिल्कुल नहीं, मैं भारत का प्रधानमंत्री हूं. मैं अपनी छवि की चिंता नहीं करता, मैं तुम्हारा सामना करूंगा’, या वह उनके सामने हथियार डाल देंगे?’’
वीडियो के आखिरी हिस्से में राहुल ने कहा है, ''अब तक मेरी चिंता रही है कि प्रधानमंत्री दबाव में आ गए हैं. मेरी चिंता इस बात को लेकर है कि चीनी आज हमारे इलाके में बैठे हुए हैं और प्रधानमंत्री खुले तौर पर कह रहे हैं कि वे नहीं बैठे हैं. इससे मुझे साफ पता चलता है कि वह अपनी छवि को लेकर चिंतित हैं और उनका छवि बचाने पर ध्यान है. अगर वह चीनियों को यह समझाने का मौका देते हैं कि छवि की चिंता में उन्हें चंगुल में लिया जा सकता है तो भारतीय प्रधानमंत्री इस देश के लिए किसी काम के नहीं रहेंगे.''