मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019राहुल गांधी के बाद नया कांग्रेस अध्यक्ष कौन? 3 नाम आगे

राहुल गांधी के बाद नया कांग्रेस अध्यक्ष कौन? 3 नाम आगे

कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में चल रहे हैं तीन नाम

अंशुल तिवारी
पॉलिटिक्स
Updated:
कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में तीन नाम
i
कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में तीन नाम
(फोटोः @Congress)

advertisement

राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2019 में हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि राहुल गांधी के बाद अब कांग्रेस का नया अध्यक्ष कौन होगा?

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी जल्दी ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक बुला सकती है जिसमें नए अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगेगी.

कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में गहलोत सबसे आगे

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में तीन नाम आगे चल रहे हैं. इनमें सबसे पहला नाम राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का है.

अशोक गहलोत

हाल ही में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने पुष्टि की थी कि गहलोत को पार्टी प्रमुख के रूप में नई जिम्मेदारी के लिए राजी किया गया है. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए गहलोत की दावेदारी के पीछे कई कारण हैं. मसलन-

अशोक गहलोत (68) को संगठन चलाने का पुराना अनुभव है. पार्टी में वह राष्ट्रीय महासचिव से लेकर कई राज्यों के प्रभारी रह चुके हैं. साल 2017 में वह गुजरात के प्रभारी थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में गुजरात में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन का श्रेय भी उन्हीं को जाता है.

2018 में गहलोत की अगुवाई में पार्टी ने राजस्थान में शानदार प्रदर्शन किया और सरकार बनाई. गहलोत दूसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने हैं. सोनिया और राहुल के साथ-साथ उनके कांग्रेस के अन्य नेताओं से भी अच्छे संबंध हैं.

अशोक गहलोत(फोटोः PTI)

अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनते हैं तो अन्य नेताओं के नाम पर भी विचार किया जा सकता है. गहलोत के अलावा जिन नेताओं का नाम अध्यक्ष पद की रेस में हैं, उनमें सुशील कुमार शिंदे और मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम शामिल हैं.

सुशील कुमार शिंदे

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे (77) को एक गैर-विवादास्पद और मिलनसार नेता के तौर पर जाना जाता है.

शिंदे साल 1971 में कांग्रेस में शामिल हुए और विधायक चुने गए. साल 1974 में वह महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बने. साल 2003 में वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने. केंद्र की यूपीए-2 सरकार में वह केंद्रीय गृह मंत्री बने. इसके अलावा उन्होंने कई अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली.

गहलोत की तरह ही शिंदे की भी गिनती कांग्रेस के वफादार नेताओं में की जाती है. शिंदे और गहलोत दोनों ने ही अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1970 के दशक की शुरुआत में की थी. ये वो दौर था, जब 1969 में कांग्रेस में बड़ा विभाजन हुआ था. इसके बाद इंदिरा गांधी के नेतृत्व में पार्टी पुनर्जीवित हुई. शिंदे और गहलोत दोनों ने ही उस दौर में इंदिरा का जमकर साथ दिया था.

सुशील कुमार शिंदे(फोटोः Twitter)

गहलोत की तुलना में, शिंदे को एक सांसद के साथ-साथ एक केंद्रीय मंत्री के रूप में लंबा अनुभव है.

इसके अलावा शिंदे धोर दलित समुदाय से आते हैं, ये समुदाय परंपरागत रूप से चमड़े के काम से जुड़ा है. उनका दलित होना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि कांग्रेस को अपर कास्ट, ओबीसी और आदिवासियों की तुलना में दलित समुदाय का साथ कम ही मिला है. ऐसे में ये उम्मीद की जा रही है कि शिंदे के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की स्थिति में कांग्रेस को दलित समाज का साथ मिल सकता है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

मल्लिकार्जुन खड़गे

मल्लिकार्जुन खड़गे की भी पहचान कांग्रेस के कद्दावर नेता की है. मोदी सरकार-1 में लोकसभा में नेता विपक्ष रहते हुए कई मौकों पर वह सरकार को घेरकर विपक्ष के तौर पर मजबूत चुनौती पेश करते रहे हैं.

मल्लिकार्जुन खड़गे(फोटोः PTI)

खड़गे ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत एक आम कांग्रेस कार्यकार्ता के तौर पर की थी. वे लंबे समय तक कर्नाटक की राजनीति में सक्रिय रहे. दक्षिण भारत में उन्हें कांग्रेस के दलित चेहरे के रूप में जाना जाता है. खड़गे केंद्र की मनमोहन सरकार में कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.

एक अध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्ष का फॉर्मूला

सूत्रों की मानें तो कांग्रेस वर्किंग कमेटी एक अध्यक्ष और दो से चार कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति पर भी विचार कर सकती है. हालांकि, अभी तक इसके लिए कोई नाम प्रस्तावित नहीं किया गया है.

बता दें, कांग्रेस ने एक जमीनी कार्यकर्ता और सांसद अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में नेता बनाने के साथ ही संकेत दे दिया है कि वह पार्टी की सूरत बदलने के लिए कुछ भी करने को तैयार है.

गांधी परिवार से नहीं होगा अगला अध्यक्ष

ऐसा करीब 21 साल बाद होने जा रहा है जब कांग्रेस की कमान गांधी परिवार से बाहर के किसी नेता के हाथ में होगी. कांग्रेस में ज्यादातर अध्यक्ष पद गांधी परिवार के पास ही रहा है. राहुल गांधी अध्यक्ष पद पर बने रहें, इसके लिए कांग्रेस के बड़े नेताओं ने भरसक कोशिश की. लेकिन राहुल गांधी हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपनी जिद पर अड़े रहे. ऐसे में पार्टी नेताओं ने ये भी प्रस्ताव रखा कि अगर राहुल अध्यक्ष पद छोड़ते हैं तो कांग्रेस की कमान उनकी बहन प्रियंका गांधी को सौंप दी जाए. लेकिन राहुल गांधी ने पहले ही साफ कर दिया है कि कांग्रेस का अगला अध्यक्ष गांधी परिवार से नहीं होगा.

दरअसल, बीजेपी लंबे वक्त से कांग्रेस पर वंशवाद की राजनीति का आरोप लगाती रही है. बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद गांधी परिवार के पास रहने को चुनावों में हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है. ऐसे में राहुल ने साफ इनकार कर दिया है कि अगला अध्यक्ष गांधी परिवार से नहीं होगा. इसके पीछे सोच यही है कि अब राहुल बीजेपी को कांग्रेस को वंशवाद के मुद्दे पर घेरने का कोई मौका नहीं देना चाहते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 03 Jul 2019,05:12 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT