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किसानों की हालत पर राजनाथ ने दिया किस रिपोर्ट का हवाला? दावा और सच

राहुल गांधी ने कहा कि आज देश का किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं

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किसानों की हालत पर राजनाथ ने दिया किस रिपोर्ट का हवाला? दावा और सच
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किसानों की हालत पर राजनाथ ने दिया किस रिपोर्ट का हवाला? दावा और सच
(फोटो: द क्विंट)

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देशभर में किसानों की हालत काफी खराब है, हर साल हजारों किसान आत्महत्या कर लेते हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले पर लोकसभा में सरकार से सवाल पूछा. राहुल गांधी ने कहा कि आज देश के किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं और आत्महत्या कर रहे हैं. राहुल के इस बयान का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मौजूदा सरकार में किसानों की हालत सुधरी है.

क्या बोले राहुल गांधी

राहुल गांधी ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान केरल में किसानों की हालत पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि हाल ही में एक और किसान ने वायनाड में आत्महत्या कर ली. देश में किसानों की हालत काफी खराब है. राहुल गांधी ने कहा-

आज देश में किसानों की हालत काफी खराब है. सरकार किसानों के साथ भेदभाव कर रही है. पिछले पांच साल में बीजेपी सरकार ने किसानों को कुछ नहीं दिया, जबकि अमीरों के करोड़ों रुपये माफ किए.
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राजनाथ सिंह ने कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार

राहुल गांधी के किसानों पर दिए इस बयान का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस को ही इसका जिम्मेदार ठहरा दिया. उन्होंने कहा कि ये स्थिति 4-5 साल में नहीं हुई है. जिन लोगों ने कई सालों तक सरकार चलाई वो इसके लिए जिम्मेदार हैं. लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार में किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास किए जा रहे हैं. सभी किसानों को 6 हजार रुपये देने का निर्णय लिया और लागू किया.

राजनाथ सिंह ने एक ‘अनजानी’ रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, सरकार की स्कीम से किसानों की आय में 20-15 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है. सबसे ज्यादा अगर किसानों ने आत्महत्या की है तो वो कांग्रेस के शासनकाल में की है. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि इन पांच सालों में किसानों के आत्महत्या की संख्या कम हुई है.

मौजूदा सरकार के पास नहीं है कोई आंकड़ा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में दावा तो कर दिया है, लेकिन सरकार के पास अभी तक किसानों की आत्महत्या को लेकर कोई भी आंकड़ा नहीं है. हाल ही में कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने लोकसभा में बताया था कि किसानों की आत्महत्या पर राज्य सरकारों के साथ मिलकर आंकड़े जुटाए जा रहे हैं. विपक्ष ने सरकार से सवाल पूछा था कि पिछले पांच साल में कितने किसानों ने आत्महत्या की है? इस पर रुपाला ने कहा था कि फिलहाल डाटा तैयार किया जा रहा है. रुपाला ने भी किसानों की हालत के लिए यूपीए सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया था.

राज्यों में किसानों की हालत खराब

जहां एक तरफ बीजेपी और कांग्रेस किसानों की हालत के लिए एक दूसरे के पाले में गेंद फेंक रही हैं, वहीं राज्यों में किसानों की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है. बैंकों का लोन नहीं चुकाने के चलते हर दूसरे दिन किसान खुदखुशी कर लेते हैं. महाराष्ट्र में पिछले ही महीने जारी एक आंकड़े में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री सुभाष देशमुख ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था-

जनवरी 2015 से लेकर दिसंबर 2018 तक 12,021 किसानों ने आत्महत्या की है. इस हिसाब से देखें तो इन चार सालों में हर दिन आठ किसानों ने खुदखुशी की है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि इन 12 हजार से ज्यादा किसानों में से सिर्फ 6,888 किसान ही मुआवजे के लिए योग्य पाए गए.

आंध्र प्रदेश में भी हाल ही में एक आंकड़ा जारी हुआ था, जिसके मुताबिक साल 2014 से लेकर 2019 तक 1513 किसानों ने यहां आत्महत्या की. आंध्र के नए सीएम जगनमोहन रेड्डी ने सभी किसानों के लिए 7 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान भी किया है.

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Published: 11 Jul 2019,03:09 PM IST

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