advertisement
कांग्रेस पार्टी पंजाब में सियासी बवाल (Punjab Congress Crisis) को सुलझाने के बाद अपनी राजस्थान इकाई की समस्याओं पर ध्यान दे रही है. पार्टी नेतृत्व ने पार्टी के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल (संगठन) और प्रदेश प्रभारी महासचिव अजय माकन को राज्य में भेजा है, जो सभी गुटों से मुलाकात कर वहां पार्टी के संकट का समाधान करने के लिए जयपुर पहुंच चुके हैं.
मंत्रियों, विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात के बाद माकन ने कहा कि सभी ने सर्वसम्मति से कैबिनेट फेरबदल का मुद्दा पार्टी हाई कमांड पर छोड़ दिया है.
राजस्थान जाने से पहले वेणुगोपाल ने कहा, 'मैं राज्य से सांसद हूं और किसी सरकारी काम से जा रहा हूं." हालांकि, सूत्रों का कहना है कि वेणुगोपाल और माकन ने जयपुर रवाना होने से पहले राहुल गांधी से मुलाकात की और राजस्थान के मामलों पर चर्चा की.
अजय माकन ने राजनीतिक नियुक्तियों और कैबिनेट विस्तार की समय सीमा तक कर दी है, लेकिन गहलोत सरकार ने राज्य विधानसभा के बजट सत्र और कोविड -19 प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए तर्क दिया है कि समय सीमा के भीतर यह करना संभव नहीं है.
सचिन पायलट की बगावत के एक साल बाद भी ज्यादा कुछ नहीं बदला है. इससे परेशान होकर पालयट ने हाल ही में एक प्रेस वार्ता में कहा था कि जिन कार्यकतार्ओं ने पार्टी के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया, चौबीसों घंटे काम किया, इसके बावजूद उन पर लाठीचार्ज किया गया. अगल कोई बेहतर पोस्ट नहीं मिलता है तो कम से कम उनका सम्मान तो किया जाना चाहिए. हमारे वर्तमान अध्यक्ष यही कहते हैं, और हम भी यही कहते हैं. वास्तव में, हर कोई ऐसा ही कहता है.
पायलट ने कहा, "आने वाले विधानसभा चुनावों में, हम और वोट हासिल करेंगे. हमने आलाकमान को अपनी राय बता दी है. एआईसीसी ने हमारे सुझावों को सुना, एक समिति बनाई, और इस समिति ने बैठकें भी बुलाईं. सभी निर्णय जल्द ही लिए जाएंगे."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 25 Jul 2021,03:49 PM IST