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शांति कुमार धारीवाल ने कहा, जो लोग सरकार गिराने की साजिश करते रहे. कांग्रेस की सरकार के खिलाफ बयान देते रहे. डिप्टी चीफ मिनिस्टर होते हुए और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष होते हुए. आज उनको चीफ मिनिस्टर बनाने के लिए सेक्रेटरी जनरल इन्चार्ज आ गए. सेक्रेटरी जनरल इन्चार्ज पर मेरा चार्ज है कि वह पक्षपातपूर्ण तरीके से यहां के विधायकों से बात कर रहे थे और उनको कई दिनों से ये सूचनाएं आ रही थी कि सचिन पायलट के पक्ष में प्रचार करने के लिए कहा करते थे. हमारे पास इस बात के सबूत हैं. तो हम सोनिया गांधी के सिपाही हैं. उनके हर हुकुम को माना. मैं कई पदों पर रहा. कभी कोई चार्ज मेरे पर नहीं लगा. लेकिन आज जब एक जनरल सेक्रेटरी इन्चार्ज पक्षपात कर रहा है. तो निश्चित तौर पर लोगों की भावनाएं भड़कनी ही थी. विधायकों का नाराज होना ही था. गद्दारी करने वाले को पुरस्कार दिया जाए. ये यहां के विधायक कभी बर्दाश्त नहीं करेगें.
राजस्थान की सियासत पर सोनिया गांधी को अपडेट देने के बाहर आए माकन ने कहा कि हमने सोनिया गांधी को विस्तार से सब कुछ बताया. सोनिया गांधी ने लिखित में रिपोर्ट मांगी है. आज या कल तक हम लोग लिखित रिपोर्ट उन्हें सौपेंगे. माकन ने कहा कि सीएम गहलोत के नुमाइंदों मांग रखी. उन्होंने तीन शर्ते रखीं. 19 अक्टूबर के बाद सीएम पर फैसला है. किसी विश्वस्त को सीएम बनाया जाए. ये सभी जानकारियां हमने सोनिया गांधी को दे दी है. हालांकि, सीएम की सहमति के बाद ही बैठक रखी गई थी. उन्हीं के मुताबिक समय और स्थान तय किया गया था. लेकिन, विधायकों के साथ बैठक नहीं हो पाई. हम अलग-अलग भी विधायकों से मिलने के लिए तैयार थे.
1- वहां पहली शर्त रखी गई कि राजस्थान के सीएम पद कोई भी निर्णय 19 अक्टूबर के बाद होना चाहिए. तो उसपर हमारा कहना था कि ये कैसे संभव है. अगर अशोक गहलोत 19 तारीख को कांग्रेस चीफ का चुनाव जीत जाते हैं तो क्या वह खुद सीएम पद का चुनाव करेंगे. तो ये कन्फ्लिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट नहीं तो क्या है?
2- दूसरी शर्त कि सभी विधायकों से अलग-अलग नहीं मिलिए. ग्रुप में मिलिए. इसपर हमारा कहना था कि कभी भी कांग्रेस में ऐसा नहीं हुआ. अलग-अलग बात की जाती है, जिससे सभी विधायक अपनी बात रख सके.
3-तीसरी शर्त थी कि जो 102 विधायक अशोक गहलोत के खेमें में हैं उन्हें में से सीएम बनाया जाना चाहिए. तो इसपर हमने कहा कि जो भी फैसला होगा वह सोनिया गांधी के सामने रखा जाएगा. कांग्रेस में कभी भी कोई प्रस्ताव पास किए जाते हैं तो वह बिना कंडीशन के जाती हैं.
राजस्थान कांग्रेस विधायक गंगा देवी ने कहा कि चिट्ठी के विषय में मुझे कोई जानकारी नहीं है. मैं वहां देर से पहुंची थी. मैंने चिट्ठी नहीं पढ़ी थी, मैंने इस्तीफा नहीं दिया, आलाकमान जो फैसला करेगा हम उसके साथ हैं. पर्यवेक्षक से हमारी मिलने की बात थी, लेकिन हम नहीं जा सके.
राजस्थान की सियासत में आए उबाल के बाद राजस्थान के AICC पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली पहुंच गए हैं. दोनों पर्यवेक्षक आज पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपने वाले हैं. उन्होंने जयपुर में गहलोत के वफादार प्रताप खाचरियावास और शांति धारीवाल के साथ बैठक की थी.
इस दौरान अजय माकन ने कहा कि जयपुर में विधायकों से मुलाकात कर हम दिल्ली पहुंचे हैं. हम अपनी रिपोर्ट कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को देने जा रहे हैं.
वहीं, मल्लिकार्जुन ने कहा कि हम 10 जनपथ जा रहे हैं और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. हम उन्हें राजस्थान कांग्रेस की घटनाक्रमों से अवगत कराएंगे. वही इस पर निर्णय लेंगी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएम गहलोत अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने गए थे. लेकिन इस दौरान माकन ने गहलोत से मुलाकात नहीं की. हालांकि, बताया जा रहा है कि खड़गे और गहलोत में बातचीत हुई है.
खड़गे और माकन दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. दोनों नेता सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे और पार्टी में चल रही घमासान की रिपोर्ट देंगे.
राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच कांग्रेस आलाकमान ने मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ को दिल्ली बुलाया है. कमलनाथ दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. बताया जा रहा है कि कमलनाथ गहलोत गुट और पायलट गुट के विधायकों के बीच मध्यस्थता करेंगे. इससे पहले भी कांग्रेस ने महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम के समय कमलनाथ को मुंबई भेजा था.
जयपुर में अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "कल जो हुआ, हमने कांग्रेस अध्यक्ष को इसकी जानकारी दे दी है. सभी को फैसला मानना होगा. पार्टी में अनुशासन जरूरी है."
राजस्थान में जारी सियासी खींचतान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने पहुंचे हैं. जानकारी के मुताबिक मैरियट होटल में मुलाकात हो रही है. ताजा सियासी घटनाक्रम के बीच इस मुलाकात पर सबकी नजर टिकी हुई है.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान सीएम अशोक गहलोत के रवैये से खासा नाराज है. पार्टी का कहना है कि राजस्थान में सब कुछ अशोक गहलोत से पूछ कर ही किया गया था. उसके बावजूद भी जिस ढंग से यह सब तमाशा किया गया, यह ठीक नहीं है. इससे अशोक गहलोत की छवि ही खराब हुई है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि, एक बच्चे से भी पूछेंगे तो वह भी बता देगा कि इतना कुछ होने के बाद कुछ गुंजाइश नहीं बनती (अशोक गहलोत का कांग्रेस अध्यक्ष बनने की). सचिन पायलट पार्टी का वफादार सिपाही है. सब (विधायक) आलाकमान के साथ है. हम उनके फैसले के साथ हैं.
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा, "भारत जोड़ो हुआ नहीं... कांग्रेस तोड़ो हो गया!"
राजस्थान में मुख्यमंत्री के नाम पर सियासी घमासान मचा है. इस बीच जोधपुर में कई जगहों पर सचिन पायलट के पोस्टर लगे हैं. पोस्टर में लिखा है- 'सत्यमेव जयते, नए युग की तैयारी'.
अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री की अनुमति से रखी गई थी. जो विधायक नहीं आए उनसे वन टू वन बात सुनने के लिए हम यहां आए हैं. कोई भी बात हो आप हमें कहें. कोई फैसला नहीं हो रहा है. जो आप कहेंगे वो बात हम दिल्ली जाकर कांग्रेस अध्यक्ष को बताएंगे.
मीडिया से बातचीत में अजय माकन ने कहा कि ऐसे समय में सबको मिलकर पार्टी को मजबूत करना चाहिए.
मंत्री शांति धारीवाल के घर हुई कांग्रेस विधायकों की बैठक को अजय माकन ने अनुशासनहीनता करार दिया है. उन्होंने कहा कि जब एक आधिकारिक बैठक बुलाई गई थी, ठीक उसी समय पर गैरआधिकारिक रूप से बैठक करना अनुशासनहीनता है. आगे देखेंगे इस पर क्या कार्रवाई करना है.
मीडिया से बातचीत में अजय माकन ने कहा कि विधायकों ने तीन शर्तें रखी है. लेकिन हमने कहा है कि शर्तों के साथ प्रस्ताव पारित नहीं हो सकता. विधायकों ने हमसे चर्चा करने से भी मना कर दिया. हम अब दिल्ली जा रहे हैं. जहां कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपेंगे.
मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला 19 अक्टूबर के बाद हो
विधायकों से ग्रुप में चर्चा करने की मांग
सीएम का चुनाव 102 वफादार विधायकों में से हो, सचिन पायलट को सीएम न बनाया जाए
राजस्थान राजनीतिक संकट पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का बयान आया है. कांग्रेस पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि 'भारत जोड़ो' में मनोरंजन कम हुआ अब राजस्थान में भी शुरू हो गया है. राज्य में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है. कांग्रेस सिर्फ सत्ता का सुख भोगना चाहती हैं, जनता की सेवा नहीं करना चाहती. कांग्रेस में न दिशा है न नेता हैं.
एक तरफ राजस्थान कांग्रेस में गतिरोध जारी है. तो दूसरी तरफ बीजेपी निशाना साधने का कोई मौका नहीं चूक रही है. रविवार के घनाक्रम को लेकर बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि, "त्यागपत्र देने का नाटक बंद करें. कांग्रेस के सभी वीर विधायकों को वास्तव में त्यागपत्र देना है तो विधानसभा के नियम एवं प्रक्रियाओं के नियम 173 के अंतर्गत अपना इस्तीफा स्पीकर महोदय को सौंपे. स्पीकर महोदय जी से प्रार्थना है कि वह 173 (2) के अंतर्गत तुरंत इस्तीफा स्वीकार करें."
राजस्थान संकट पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी नजर बनाए हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राहुल ने इस मामले को लेकर केसी वेणुगोपाल को दिल्ली भेजा है. कहा जा रहा है कि वेणुगोपाल सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं.
राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में घमासान छिड़ा है. इस बीच केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस पर चुटकी ली है. उन्होंने ट्वीट किया, "बाड़ेबंदी की सरकार... एक बार फिर बाड़े में जाने को तैयार!"
राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में जारी सियासी संकट पर आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने तंज कसा है. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए चड्ढा ने ट्वीट किया, "कांग्रेस खत्म है…केजरीवाल विकल्प है."
राजस्थान में जारी सियासी खींचतान के बीच एक नजर विधानसभा सीटों पर.
कांग्रेस- 108
बीजेपी- 71
निर्दलीय - 13
आरएलपी - 3
CPI (M) - 2
बीटीपी - 2
आरएलडी - 1
राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन आज फिर अशोक गहलोत से मुलाकात करेंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मुलाकात गहलोत समर्थक विधायकों को समझाने पर चर्चा हो सकती है.
गहलोत खेमे के विधायक बागी तेवर के मूड में अभी भी हैं. निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि जिसके कारण विधायकों को होटलों में रहना पड़ा उस व्यक्ति को हम मुख्यमंत्री कैसे स्वीकार कर सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक AICC पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन दोनों आज दिल्ली में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. नाराज विधायक पर्यवेक्षकों से मिलने के लिए तैयार नहीं हैं. हाईकमान से चर्चा के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी
कांग्रेस में चले इस राजनीतिक घटनाक्रम के बीच बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने रविवार रात कहा कि राज्य में 2023 विधानसभा चुनाव के रुझान आने शुरू हो गए हैं. पूनियां ने ट्वीट किया, ‘‘रूझान आने प्रारंभ, 2023 में ‘जय भाजपा-तय भाजपा’’’.
नया अध्यक्ष ढूंढ रही कांग्रेस में एक नया बखेड़ा शुरू हो गया है. राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद है. गहलोत समर्थक गुट के प्रमुख नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने दावा किया कि 92 विधायक उनके साथ हैं, जिन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपा है. वहीं पायलट के समर्थन में 20 से भी कम विधायक हैं.
राजस्थान कांग्रेस में मचे सियासी घमासान के बीच खबर आ रही है कि आज अशोक गहलोत और सचिन पायलट दिल्ली जा सकते हैं. दोनों नेताओं की सोनिया गांधी से मुलाकात हो सकती है.
विधायकों के इस्तीफे से राजस्थान विधानसभा की ताकत घटकर 108 हो जाती है, बीजेपी के पास सदन में 70 विधायक हैं
राजस्थान कांग्रेस की केंद्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन और अन्य नेताओं के साथ शाम को बैठक होने वाली थी लेकिन नए मुख्यमंत्री के रूप में सचिन पायलट के नाम पर विवाद बढ़ता गया और बैठक रद्द कर दी गयी.
Rajasthan Congress Crisis: कांग्रेस (Congress) इधर भारत जोड़ने के लिए देशव्यापी यात्रा निकाल रही है. अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की संभावना के बीच सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर चल रहे के बाद राजस्थान कांग्रेस के 90 से अधिक विधायकों ने 25 सितंबर को अध्यक्ष सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया. उधर पार्टी अध्यक्ष के चुनाव से पहले ही राजस्थान में पार्टी भी फूट आ गयी है.
राजस्थान कांग्रेस में सियासी संग्राम
सचिन पायलट को सीएम बनाने का विरोध
गहलोत गुट के विधायकों ने रखी तीन शर्त
सोनिया से मिलेंगे गहलोत और पायलट
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Published: 26 Sep 2022,07:04 AM IST