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राजस्थान में वसुंधरा सरकार ने गुर्जरों और चार अन्य जातियों का एक फीसदी आरक्षण का नोटिफिकेशन जारी कर दिया. हालांकि गुर्जर नेता इस आरक्षण से खुश नहीं हैं और उनका कहना है वे इसका विरोध करेंगे.
राजस्थान सरकार ने इन जातियों का ओबीसी स्टेटस बरकरार रखते हुए पचास फीसदी रिजर्वेशन लिमिट के भीतर ही उन्हें आरक्षण दिया है. कैबिनेट ने सरकार ने इस कदम पर मुहर लगा दी है. इससे पहले गुर्जर समुदाय के लोगों ने चेतावनी दी थी कि अगर उन्हें नौकरियों में आरक्षण नहीं दिया तो वह विरोध में सड़कों पर उतरेंगे. अब आरक्षण मिलने के बाद गुर्जर नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में इसका लाभ ले सकेंगे.
राज्य में मौजूदा आरक्षण की सीमा अब तक 49 फीसदी थी लेकिन अब सरकार की ओर से एक फीसदी अतिरिक्त आरक्षण देने से यह निर्धारित सीमा 50 फीसदी तक पहुंच चुकी है.
कांग्रेस सरकार ने भी पहले यही फॉर्मूला अपनाया था. हालांकि वह गुर्जरों को संतुष्ट नहीं कर पाई थी. अब वसुंधरा सरकार को उम्मीद है कि इससे गुर्जर शांत हो जाएंगे. हालांकि एक फीसदी आरक्षण से संतुष्ट नहीं दिखते.
इससे पहले वसुंधरा सरकार गुर्जर आरक्षण मुद्दे के समाधान के लिए तीन बार कोशिश कर चुकी थी. लेकिन कोर्ट ने अलग-अलग आधार पर तीनों बार सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया.
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