मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019राजस्थान: लंबी कड़वाहट, पहले ‘गले पड़े’ अब गले मिले पायलट-गहलोत

राजस्थान: लंबी कड़वाहट, पहले ‘गले पड़े’ अब गले मिले पायलट-गहलोत

राजस्थान में विधानसभा सत्र से ठीक पहले हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Updated:
राजस्थान में विधानसभा सत्र से ठीक पहले हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक
i
राजस्थान में विधानसभा सत्र से ठीक पहले हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक
(फोटो: ऑल इंडिया रेडियो)

advertisement

राजस्थान में सियासी तूफान खड़ा करने वाले सचिन पायलट की वापसी हो चुकी है. करीब एक महीने चली खींचतान, एक दूसरे पर कीचड़ उछालना, आरोप-प्रत्यारोप के बाद पायलट और गहलोत एक दूसरे से मिले. दोनों के एक दूसरे से हाथ मिलाने वाली इस तस्वीर ने वो कहावत याद दिला दी कि राजनीति में सब कुछ संभव है और यहां कोई किसी का हमेशा दुश्मन नहीं होता. पुरानी बातों को भूलकर गहलोत और पायलट एक दूसरे के गले लगे और हाथ भी मिलाया.

राजस्थान कांग्रेस की तरफ से विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी. जिसमें पायलट समेत सभी 19 कांग्रेस के नाराज विधायकों को बुलाया गया था. इस बैठक में सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ पहुंचे और काफी जोशीले अंदाज में गहलोत खेमे के विधायकों से मुलाकात की.

विधानसभा सत्र से पहले गहलोत को मजबूती

ये विधायक दल की बैठक विधानसभा सत्र को लेकर बुलाई गई है. 14 अगस्त को राजस्थान विधानसभा सत्र बुलाया गया है, जिसमें गहलोत को बहुमत साबित करना पड़ सकता है. क्योंकि बीजेपी की तरफ से कहा गया है कि वो सदन में अविश्वास प्रस्ताव रखने वाले हैं. हालांकि ये देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी ने किस आधार पर ये अविश्वास प्रस्ताव वाली बात की है. क्योंकि अगर पायलट की वापसी के बाद राजस्थान की तस्वीर देखें तो गहलोत सरकार पर कोई खतरा मंडराता नजर नहीं आ रहा है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

बीएसपी विधायकों के मामले पर नजर

गहलोत सरकार को जहां एक तरफ अपने नाराज विधायकों का साथ मिला है, वहीं दूसरी तरफ बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों का मामला अभी तक कोर्ट में लटका पड़ा है. राजस्थान हाईकोर्ट 14 अगस्त को इस मामले पर फिर से सुनवाई करेगा. हालांकि अगर किसी सूरत में हाईकोर्ट की तरफ से विधायकों के खिलाफ भी फैसला आता है तो गहलोत सरकार फिर भी बहुमत के आंकड़े तक पहुंच जाएगी. क्योंकि पायलट गुट की वापसी के बाद एक बार फिर कांग्रेस विधायकों की कुल संख्या 107 हो चुकी है, वहीं अगर पार्टी में शामिल हुए 6 बीएसपी विधायकों को कम भी कर दें तो कांग्रेस का आंकड़ा 101 रहेगा. इस सूरत में विधानसभा सदस्यों की संख्या भी 200 से कम होकर 194 रह जाएगी. जिसके बाद बहुमत साबित करने के लिए 98 विधायकों की जरूरत होगी. जो मौजूदा हालात में कांग्रेस आसानी से हासिल कर सकती है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 13 Aug 2020,06:17 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT