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राजस्थान विधानसभा में बुधवार को सरकार के तीन मंत्रियों और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के बीच ठन गई. मंत्रियों के निर्देश नहीं मानने से मामला इतना बढ़ा कि नाराज स्पीकर ने तीन दिन पहले ही विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया. स्थगित करने से पहले स्पीकर जोशी ने यहां तक कह डाला कि यदि सत्तापक्ष को मैं पसंद नहीं हूं तो आप दूसरा अध्यक्ष चुन लें. लेकिन कार्यवाही ऐसे नहीं चलने दी जाएगी.
इससे पहले कार्य सलाहकार समिति में विधानसभा के सत्र में 18 सितंबर तक का कामकाज तय था. अचानक हुई घटना से तीन दिन की कार्यसूची में शामिल पांच विधेयक अटक गए. संसदीय कार्यों के जानकारों की माने तो राजस्थान में इस तरह की पहली घटना है, जब स्पीकर और सरकार के बीच मामला उतना बढ़ गया हो कि कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करनी पड़ी हो.
मामले की शुरुआत राजस्थान राज्य पथ परिवहन सेवा (बिना टिकट यात्रा-निवारण) (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा के बाद जवाब देने खड़े हुए परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के प्रतिपक्ष के सदस्यों से उलझने से हो गई थी. बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास भिड़ गए. दोनों के बीच जमकर बहस हुई. इसके बाद बीजेपी विधायकों ने वेल में आकर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी. इसके कारण सभापति राजेन्द्र पारीक को दो बार विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
मामला सुलझता नहीं देख कार्यवाही शुरू होने पर विधानसभा अध्यक्ष जोशी आसन पर आए. उन्होंने परिवहन मंत्री को विधेयक पारित करवाने के निर्देश दिए. इस पर परिवहन मंत्री ने बिल पारित करवा दिया. इसके बाद जैसे ही विधानसभा अध्यक्ष जोशी ने राजस्थान विवाह का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन संशोधन विधेयक 2021 को पेश करने के निर्देश दिए तो संसदीय मंत्री शांति धारीवाल, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और परिवहन मंत्री खाचरियावास स्पीकर से उलझ पड़े. धारीवाल ने कहा कि मंत्रियों को बोलने नहीं दिया जा रहा है. ऐसा रहा तो कार्यवाही कैसे चलेगी. धारीवाल के समर्थन में शर्मा और खाचरियावास भी खड़े होकर जोर-जोर से बोलने लगे. उनके साथ मुख्य सचेतक महेश जोशी भी खड़े हो गए.
इस पर स्पीकर जोशी ने कहा कि अब आगे की कार्यवाही चलेगी और किसी को पुराने मुद्दे पर बोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी. जोशी ने आसन से खड़े हो कर संसदीय मंत्री धारीवाल को बीच में न बोलने की साफ चेतावनी दी. इसके बावजूद धारीवाल बोलते रहे तो नाराज जोशी ने कहा कि आप दूसरा अध्यक्ष चुन लीजिए, आप इस तरह अध्यक्ष को डिक्टेट नहीं कर सकते, आप सदन नहीं चलाना चाहते तो अभी स्थगित कर देता हूं. धारीवाल इस पर भी बोलने से नहीं रुके तो नाराज स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.
स्पीकर के इस रवैये को देख कर सत्तापक्ष सकते में आ गया. सत्तापक्ष के विधायक स्पीकर को मनाने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के चैंबर में पहुंचे. सरकार के सामने बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि बाकी बचे कामकाज को निपटाने के लिए सत्र फिर से कैसे बुलाया जाए.
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