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टीम से ड्रॉप किए जाने का दर्द केवल खिलाड़ियों को होता है, ऐसी बात नहीं है. ऐसा सियासत में भी होता है, जब बॉस को काम पसंद न आने पर वह मंत्रालय से वापस बुलाकर संगठन मजबूत करने के काम में लगा देता है. पीएम नरेंद्र मोदी की टीम से बाहर किए जाने पर कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री रहे राजीव प्रताप रूडी का दर्द छलक आया.
राजीव प्रताप रूडी ने मंगलवार को इस बारे में कहा, 'बॉस हमेशा सही होते हैं और मैं बॉस को अपने अच्छे कामों को बताने में नाकाम रहा.'
रूडी यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि आखिर बदलाव नजर आने के लिए कुछ वक्त की दरकार होती है. उन्होंने एक न्यूज चैनल पर कहा कि उन्होंने अपनी ओर से पूरी कोशिश की. यहां तक कि उनके उत्तराधिकारी को भी नजर आने वाले बदलाव के लिए कुछ वक्त की दरकार होगी.
बिहार के सारण से सांसद रूडी ने कहा:
रूडी ने कहा, "मैं रोजगार का सृजन कैसे करता? मुझसे एक ऐसा वर्कफोर्स विकसित करने के लिए कहा गया था, जो रोजगार के योग्य हो. इन लोगों को रोजगार दिलाने को कभी भी मेरे दायरे की बात नहीं कही गई."
बता दें कि राजीव प्रताप रूडी की जगह पर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लाया गया है. प्रधान को न सिर्फ कैबिनेट मंत्री के तौर पर प्रमोशन मिला है, बल्कि कौशल विकास मंत्रालय का भी चार्ज दिया गया है. पीएम मोदी ने रविवार को किए गए मंत्रिपरिषद फेरबदल में रूडी समेत 6 मंत्रियों को हटा दिया था.
(इनपुट IANS से)
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