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कसाब पर मारिया की किताब ने शुरू की ‘हिंदू टेरर’ पर बहस, BJP हमलावर

कसाब के हिंदू लिबास को लेकर बहस शुरू, बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाए आरोप

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कसाब के हिंदू लिबास को लेकर बहस शुरू, बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाए आरोप
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कसाब के हिंदू लिबास को लेकर बहस शुरू, बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाए आरोप
(फोटो : AlteredByQuint)

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मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने कसाब को लेकर चर्चा एक बार फिर शुरू कर दी है. उन्होंने अपनी किताब में खुलासा किया है कि पाकिस्तानी एजेंसियां कसाब को एक हिंदू के तौर पर पेश करना चाहती थीं. इसीलिए उसके हाथ में कलावा बंधा था और उसे दिनेश चौधरी नाम दिया गया था. अब इस मामले को लेकर राजनीति शुरू हो चुकी है, बीजेपी अब कांग्रेस को वो बहस याद दिला रही है, जिसमें मुंबई टेरर अटैक को आरएसएस से जोड़ा गया था. बीजेपी इसे कांग्रेस और आईएसआई की मिली भगत भी बता रही है.

मुंबई टेरर अटैक को लेकर हुए इस खुलासे पर बीजेपी नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. उनका कहना है कि हिंदुओं को बदनाम करने के लिए कांग्रेस ने तब कई तरह के आरोप लगाए थे. लेकिन अब जाकर सच्चाई सामने आई है. बीजेपी के महासचिव राम माधव ने कहा,

“इस किताब के जरिए एक बड़ा खुलासा हुआ है. पाकिस्तान की साजिश कामयाब नहीं हो पाई, लेकिन कुछ कांग्रेस नेताओं और कुछ अन्य लोगों ने इसे कामयाब बनाने की कोशिश की थी. कुछ लोगों ने इसका लिंक आरएसएस से जोड़ दिया था. लेकिन ये आईएसआई की साजिश थी.”
राम माधव, बीजेपी महासचिव

बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने भी इसे कांग्रेस का हिंदू टेरर प्रोपेगेंडा बताया है. उन्होंने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान और उनके हाथों से लॉन्च हुई किताब ‘आरएसएस की साजिश’ का जिक्र किया. मालवीय ने लिखा,

“पाकिस्तान ने कांग्रेस के हिंदू टेरर प्रोपेगेंडा के लिए एक साजिश रची थी. दिग्विजय सिंह ने किताब '26/11- आरएसएस की साजिश' भी लॉन्च की. लेकिन शहीद तुकाराम ओंबले ने सामने आकर अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया. अगर ऐसा नहीं होता तो कांग्रेस और मीडिया उसे हमेशा के लिए हिंदू साबित कर देते.”

बता दें कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मुंबई टेरर अटैक पर एक किताब ‘26/11- आरएसएस की साजिश’ को लॉन्च किया था. जिसमें इस हमले को लेकर हिंदू टेरर की तरफ इशारा किया गया था. वहीं आरएसएस पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. इस किताब को पत्रकार अजीज बर्नी ने लिखा था.

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने भी इस मामले पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पूर्व कमिश्नर मारिया से बात की जाएगी. देशमुख ने कहा,

“हम राकेश मारिया की किताब में लिखी जानकारी जुटा रहे हैं. हम उनसे बातचीत करेंगे और इस पूरी घटना के बारे में जो देवेंद्र फडणवीस के सत्ता में रहने के दौरान हुई, उसे जानने की कोशिश करेंगे. अगर जरूरत पड़ी तो जांच के आदेश भी दिए जाएंगे.”

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केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता पीयूष गोयल ने भी इस मामले पर बयान दिया और सवाल उठाया कि पूर्व कमिश्नर मारिया ने अब क्यों ये बात सामने रखी? उन्होंने कहा,

“मारिया जी ने ये सब बातें अभी क्यों बोलीं, उन्हें तब ये बातें बोलनी चाहिए. इस पर एक्शन लेना चाहिए था. मेरे खयाल से कांग्रेस द्वारा बहुत गहरी साजिश रची गई थी. उन्होंने चिदंबरम साहब के कहने पर हिंदू टेरर का मुद्दा खड़ा करने की कोशिश की थी. मैं कांग्रेस की निंदा करता हूं जो हिंदू टेरर के झूठे आरोपों पर देश को गुमराह करते हैं. मैं समझता हूं कि टेरर का कोई धर्म नहीं होता. कांग्रेस ने झूठे आरोपों में कुछ लोगों को फंसाने की कोशिश की थी.”

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने तो इस टेरर अटैक को आईएसआई और यूपीए का ज्वाइंट ऑपरेशन बता दिया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,

“26/11 आतंकी हमला आईएसआई और यूपीए का हिंदू टेरर को लॉन्च करने और आरएसएस को बैन करने का एक ज्वाइंट ऑपरेशन था. ये नाकाम हुआ क्योंकि एक बहादुर पुलिस अधिकारी ने इसे जिंदा पकड़ा. बाकी 10 को भी मार दिया गया, जिन्होंने हिंदुओं की तरह कपड़े पहने थे. एक नई जांच जरूरी है.”
सुब्रमण्यम स्वामी, बीजेपी नेता

बता दें कि कसाब को साल 2008 में मुंबई टेरर अटैक के दौरान जिंदा पकड़ा गया था. जिसके बाद उसे फांसी दे दी गई. इस आतंकी घटना में वो अकेला आतंकी था जिसे जिंदा पकड़ा गया.

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Published: 18 Feb 2020,07:28 PM IST

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