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बिधूड़ी ने पहली बार नहीं लांघी सीमा: सोनिया-मायावती से दानिश अली, कई पर अभद्र टिप्पणी

Ramesh Bidhuri Controversy: रमेश बिधूड़ी के खिलाफ साल 2015 में 5 महिला सांसदों ने लैंगिक कमेंट करने का आरोप लगाया था.

फातिमा खान
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>दानिश अली पहले नहीं, सोनिया, मायवती समेत कई पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुके हैं बिधूड़ी</p></div>
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दानिश अली पहले नहीं, सोनिया, मायवती समेत कई पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुके हैं बिधूड़ी

(फोटोः क्विंट हिंदी)

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संसद के विशेष सत्र (Parliament Special Session) के आखिरी दिन लोकसभा में बीएसपी सांसद दानिश अली के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने पर बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी विवादों में घिर गए हैं. उनके बयान को लेकर विपक्षी नेताओं ने नाराजगी जताई. कई ने कार्रवाई और बिधूड़ी को पार्टी से निष्कासित करने की मांग लेकिन बीजेपी ने अब तक रमेश बिधूड़ी को सिर्फ 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया है.

एएनआई और पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अब तक केवल बिधूड़ी को चेतावनी जारी की है. वहीं, दानिश अली ने ओम बिरला को पत्र लिखकर रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

लेकिन यह पहली बार नहीं है, जब दक्षिण दिल्ली के सांसद अपने भाषण को लेकर विवादों में बुरी तरह फंसे हैं. उनपर पहले भी कई बार आपत्तिजनक बयान और टिप्पणी करने के आरोप लग चुके हैं. दिल्ली के तुगलकाबाद से 3 बार विधायक रह चुके रमेश बिधूड़ी के विवादित टिप्पणी से जुड़े कुछ पुराने मामले जानते हैं.

1) पांच महिला सांसदों ने बिधूड़ी पर लगाया था लैंगिक कमेंट करने का आरोप

2015 में, पांच महिला सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष के पास शिकायत दर्ज कराई थी कि बिधूड़ी ने उनके खिलाफ "अपमानजनक और लैंगिक" टिप्पणियां कीं.

ये पांचों सांसद थीं- रंजीत रंजन (कांग्रेस), सुष्मिता देव (तब कांग्रेस में), सुप्रिया सुले (NCP), अर्पिता घोष (तृणमूल कांग्रेस) और पीके श्रीमती टीचर (CPI-M). महिला सांसदों ने आरोप लगाया था कि 25 कांग्रेस सांसदों को निलंबित किए जाने के बाद सदन में हुए हंगामे के दौरान बिधूड़ी ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था.

2) 'नमस्कार से कोरोना रुकेगा, आदाब से नहीं': बिधूड़ी

2020 में, कोरोनो के देश में फैलने के कुछ ही दिनों बाद, बिधूड़ी ने एक समाचार चैनल से कहा कि लोगों से मिलने पर नमस्कार करने से वायरस को फैलने से रोका जा सकता है, जो भारतीय संस्कृति का हिस्सा है. न कि "आदाब" या अस्सलामु अलैकुम" से.

उन्होंने आगे कहा,

"अब, एक्सपर्ट ने इसमें (कोरोनावायरस को रोकने की स्ट्रैटजी में) आदाब या अस्सलामु अलैकुम नहीं जोड़ा होगा क्योंकि जब आप आदाब या अस्सलामु अलैकुम के साथ स्वागत करते हैं, तो हवा आपके मुंह में चली जाती है. लेकिन नमस्कार में ऐसा नहीं होता."
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3) 'कनाडा, टुकड़े-टुकड़े गैंग कर रहे किसान आंदोलन': बिधूड़ी

2020 के अंत में, बिधूड़ी ने किसान विरोध प्रदर्शन पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वे "कनाडा और टुकड़े-टुकड़े गैंग" द्वारा प्रायोजित हैं. AAP के राघव चड्ढा ने बिधूड़ी पर किसानों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने और उन्हें 'दलाल' कहने का आरोप लगाया था. हालांकि, बिधूड़ी ने यह कहते हुए इसका खंडन किया था कि उन्होंने वास्तव में उन्हें "ठलुए" कहा था, जिसका मतलब बेकार है लेकिन बिधूड़ी ने कहा था कि किसानों का विरोध स्पॉनसर्ड है.

उन्होंने कहा कि....

“लेकिन मैं मानता हूं कि विरोध पूरी तरह से राजनीतिक प्रकृति का है और लोगों को कनाडा, टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थन मिल रहा है. वे वामपंथियों और कांग्रेस द्वारा प्रायोजित हैं."

4) सीएम केजरीवाल के लिए 'दलाल' और 'बौना दुर्योधन' शब्द का उपयोग

मई 2019 में, लोकसभा चुनाव से पहले, एक रैली के दौरान बिधूड़ी का दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 'दलाल' कहने का एक वीडियो सामने आया था. विवाद के बाद, उनके तेवर और आक्रमक थे. उन्होंने कहा, ''मैं आज भी यही कहूंगा. अगर आप गाय को गाय, चूहे को चूहा और गधे को गधा नहीं कहेंगे तो फिर क्या कहेंगे.'' AAP नेताओं के आक्रोश के बाद, चुनाव आयोग ने बिधूड़ी को नोटिस जारी किया था.

हालांकि, साल भर बाद ही, बिधूड़ी फिर से लगातार दिल्ली के सीएम पर अपमानजनक टिप्पणी करते रहे. उदाहरण के लिए, पिछले महीने ही, रमेश बिधूड़ी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर केजरीवाल को "बोना (बौना) दुर्योधन" कहा था.

5) सोनिया गांधी, मायावती के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी

2017 में उत्तर प्रदेश राज्य चुनावों से पहले, बिधूड़ी ने मथुरा में एक रैली में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ लैंगिक टिप्पणी की थी. कांग्रेस द्वारा बीजेपी के कार्यों का रिपोर्ट मांगे जाने पर सांसद ने कहा था "इटली में ऐसे संस्कार होते होंगे, कि शादी के 5-7 महीने बाद ही पोता या पोती भी आ जाए, भारतीय संस्कृति में ऐसे संस्कार नहीं है"

अपने स्पीच में बिधूड़ी ने बीएसपी नेता मायावती पर भी निशाना साधा. “ऐसे संस्कार कांग्रेस में या मायावती जी के घर में होंगे… भारतीय संस्कृति में ऐसे संस्कार नहीं हैं”

6) शाहीन बाग के प्रदर्शन पर टिप्पणी

दिल्ली विधानसभा चुनाव के दिन एक टीवी चैनल से बात करते हुए रमेश बिधूड़ी ने शाहीन बाग में सीएए के विरोध-प्रदर्शन के सवाल पर कहा था कि दिल्ली में लोगों को दंगाइयों को शांत करने के लिए वोट करना है... जनता को वोट सोच कर देना है कि कौन दंगाइयों को रोकता है और कौन शह देता है”. बिधूड़ी ने यह भी कहा था कि "शाहीन बाग के विरोध प्रदर्शन के पीछे AAP नेता मनीष सिसौदिया का हाथ है.

7) संसद में नारेबाजी

इससे पहले मार्च में बजट सत्र के दौरान बिधूड़ी का 'पप्पू को सद्बुद्धि दो' चिल्लाते हुए एक वीडियो क्लिप वायरल हुआ था. गौरतलब है कि जब केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी जम्मू-कश्मीर का बजट पेश कर रहे थे तो बिधूड़ी इस दौरान यह चिल्लाते रहे.

8) पूर्व में धमकाने और दंगा करने का लग चुका है आरोप

बिधूड़ी पर पहले से दो मामले दर्ज हैं, लेकिन दोनों में वह बरी हो चुके हैं. 2004 में उन पर एक समारोह के दौरान एक व्यक्ति पर हमला करने और उसे रिवॉल्वर से धमकाने का आरोप लगाया गया था. इस मामले में 2019 में दिल्ली की एक अदालत ने बरी कर दिया.

फिर 2006 में, बिधूड़ी के साथ अन्य बीजेपी नेताओं विजय गोयल, विजय जॉली और बालकिशन पर एक विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस कर्मियों पर हमला करने के लिए दंगा करने और जनता को उकसाने के मामले में आरोप लगाया गया था. इस मामले में भी दिल्ली की एक अदालत ने 2018 में आरोपियों को बरी कर दिया था.

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