मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019यूपी में 'ड्राइविंग सीट' पर RSS, अयोध्या और लखनऊ में संभाला मोर्चा

यूपी में 'ड्राइविंग सीट' पर RSS, अयोध्या और लखनऊ में संभाला मोर्चा

Bhaiyyaji Joshi राम मंदिर तो Dattatreya Hosable लखनऊ की देखरेख करेंगे

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>Bhaiyyaji Joshi राम मंदिर तो Dattatrey Hosable लखनऊ की देखरेख करेंगे</p></div>
i

Bhaiyyaji Joshi राम मंदिर तो Dattatrey Hosable लखनऊ की देखरेख करेंगे

(फाइल फोटो: PTI/Altered By Quint)

advertisement

यूपी विधानसभा चुनावों (UP Assembly Elections) के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है लेकिन पार्टी से ज्यादा जोर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) लगा रहा है. राज्य में सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के साथ कई मंत्रियों और बड़े नेताओं के मनमुटाव के बीच संघ ने चुनावी कैंपेन की लगाम थाम ली है. RSS इस बार चुनाव में इस कदर शामिल दिख रहा है, जैसा पहले कभी नहीं हुआ.

कोरोना महामारी की दूसरी वेव ने उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल कर रखी दी थी. अपनों को खोने वाले लोगों के अलावा योगी सरकार के कई मंत्री से लेकर विधायक तक अपने शासन के खिलाफ ही बोलने लगे थे.

कोरोना की स्थिति ठीक होने पर बीजेपी को उम्मीद थी कि वो राजनीतिक हालात पर नियंत्रण पा लेगी. लेकिन इसी बीच राम मंदिर की जमीन खरीद में घोटाले की खबरें आ गईं. AAP नेता संजय सिंह ने रामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट पर घोटाले का आरोप लगाया था.

यूपी चुनाव से पहले राम मंदिर से जुड़ा इतना बड़ा विवाद सामने आना बीजेपी और RSS दोनों के लिए परेशानी की बात है. अगर राम मंदिर परियोजना ऐसे ही विवादों में घिरी रहेगी तो 2024 लोकसभा चुनावों के समय भी किरकिरी हो सकती है. इसलिए इस समस्या को दूर करने का जिम्मा अब संघ ने उठाया है.

भैयाजी जोशी की एंट्री

ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि संघ में फैसला किया गया है कि सरकार्यवाह रह चुके सुरेश भैयाजी जोशी राम मंदिर परियोजना के केयरटेकर बनाए जाएंगे. जोशी के पास राम मंदिर को विवादों से निकालने की जिम्मेदारी होगी. औपचारिक रूप से ट्रस्ट ही परियोजना संभालेगा लेकिन कमान जोशी के हाथों में रहने की उम्मीद है.

ऐसा करने की संघ के पास बड़ी वजहें हैं. संघ अयोध्या को सबसे बड़े हिंदू धर्मस्थान के तौर पर स्थापित करना चाहता है. वैटिकन और मक्का के तर्ज अयोध्या को हिंदू धर्म का केंद्र बनाना RSS का सपना रहा है.

राम मंदिर इस सपने का सबसे बड़ा हिस्सा है. परियोजना के लिए बड़ा चंदा अभियान चलाया गया था. कई हजार करोड़ इकट्ठा हुए हैं. रोडमैप तैयार है लेकिन इसी बीच घोटाले के आरोपों ने संघ की योजना में खलल डाल दिया है. मंदिर परियोजना यूपी और लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भी महत्वपूर्ण है और RSS इसे लेकर किसी भी तरह का संदेह पैदा नहीं होने देना चाहता है. भैयाजी जोशी का काम इसी को सुनिश्चित करना होगा.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

दत्तात्रेय होसाबले डालेंगे यूपी में डेरा

RSS चुनावों के लिए बहु-आयामी रणनीति पर काम कर रहा है. एक तरफ जोशी राम मंदिर का काम देखेंगे, तो संघ के नए सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसाबले राजनीतिक मुद्दों पर नजर रखेंगे. यूपी चुनाव RSS के लिए कितना अहम है, ये जोशी और होसाबले जैसे दो बड़े नेताओं का एक साथ राज्य में होना बताता है.

यूपी बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं है. होसाबले के लिए सबसे बड़ी चुनौती योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बन रहे माहौल को नियंत्रण में रखना है. विधायक तो विधायक, योगी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तक नाराज बताए जाते हैं.

हाल ही में मौर्य ने कहा था कि यूपी में मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव के बाद होगा. इस बयान के बाद राजनीतिक चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था. योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच भी कड़वाहट की खबरें आ रही थीं. योगी ने अटकलों को विराम देने के लिए दिल्ली का दौरा किया था और पीएम से मुलाकात की.

मौर्य प्रकरण को नियंत्रण में रखने में भी दत्तात्रेय होसाबले ने भूमिका निभाई थी. लगभग एक हफ्ते पहले योगी अपने आधिकारिक आवास से कुछ दूर स्थित मौर्य के घर पहुंचे थे. कहा गया कि सीएम बनने के बाद पहली बार योगी ने ऐसा किया था. इस मुलाकात के दौरान होसाबले मौजूद थे.

पीएम मोदी के करीबी एके शर्मा को बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष बनाने में भी संघ की भूमिका देखी गई थी. संघ बीजेपी के संगठन मंत्री बीएल संतोष के जरिए भी यूपी की नब्ज टटोल रहा है. संतोष ने हाल ही में दूसरी बार यूपी का दौरा किया था, वो भी 20 दिनों के अंदर ही. वो लगातार पार्टी नेताओं से फीडबैक ले रहे हैं.

संघ ही आखिरी उम्मीद?

संघ हमेशा से बीजेपी की कलहों और समस्या दूर करता रहा है. लेकिन जब बात योगी और मोदी जैसे दिग्गजों के बीच तनातनी की हो तो ड्रामा हाई-वोल्टेज हो जाता है.

तनाव की अटकलों को बल तब मिला जब पीएमओ से यूपी भेजे गए एके शर्मा को महीनों तक कोई पद नहीं मिला. उन्हें डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा थी लेकिन कहा जाता है कि योगी ने वीटो कर दिया. शर्मा पीएम मोदी के खास हैं और टकराव की स्थिति बनती देख संघ ने बीचबचाव किया. अब शर्मा को यूपी बीजेपी का उपाध्यक्ष बनाकर सबको संतुष्ट करने की कोशिश की गई है. संघ ने एक बार फिर बीजेपी की आंतरिक कलह को नियंत्रण से बाहर जाने से रोका है.

जून की शुरुआत में संघ ने दिल्ली में बैठकें की थीं. इसमें सरसंघचालक मोहन भागवत भी शामिल हुए थे. बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी राज्य के प्रभारियों से मुलाकात की थी. भागवत की बैठक में जोशी और होसाबले दोनों शामिल हुए थे. खबरें थीं कि योगी सरकार के कोरोना सेकंड वेव के दौरान कामकाज पर चर्चा हुई थी.

मई के आखिर में दत्तात्रेय होसबले ने यूपी का दौरा किया था और कई नेताओं से मुलाकात भी की थी. इससे पहले वो पीएम मोदी और अमित शाह से मिले थे. इस बैठक में संघ के कई बड़े नेता शामिल हुए थे. कहा गया कि यूपी एजेंडे पर था लेकिन योगी मीटिंग से गायब थे. इसके बाद ही बीएल संतोष को यूपी रवाना किया गया था. कुल मिलाकर RSS यूपी चुनाव की कमान पूरी तरह अपने हाथ में रखना चाहता है जिससे कि गड़बड़ी की कोई गुंजाइश न रहे.

क्योंकि चुनाव पास आते ही माहौल फिर गरमा सकता है, इसलिए संघ ने पहले से ही दो बड़े नेता यूपी भेज दिए हैं. सीएम फेस से लेकर उम्मीदवारों के चुनाव तक, मुश्किलें अभी कई आएंगी और संघ इसके लिए तैयार रहना चाहता है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT