मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019हमारे सांसद आख‍िर क्यों बढ़वाना चाहते हैं अपना वेतन?

हमारे सांसद आख‍िर क्यों बढ़वाना चाहते हैं अपना वेतन?

443 (82%) सांसद करोड़पति हैं और सांसदों की औसत संपत्ति 14.70 करोड़ रुपये बैठती है.

रोहित मौर्य
पॉलिटिक्स
Published:
भारतीय संसद (फाइल फोटो: PTI)
i
भारतीय संसद (फाइल फोटो: PTI)
null

advertisement

हाल ही में वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला. इस प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी को 250 सांसदों के दस्तखत वाला एक ज्ञापन भी सौंपा. इस ज्ञापन में सांसदों ने कहा है कि सांसदों के क्षेत्र में विकास के लिए दी जाने वाली सांसद निधि राशि को भी बढ़ाया जाए. हालांकि बताया जा रहा है कि पीएम मोदी ने सांसदों को कम खर्च करने की सलाह दी है.

बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के वेतन बढ़ाने के लिए सरकार जल्द ही संसद में एक बिल प्रस्तुत करेगी, क्योंकि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हो जाने के बाद कुछ सरकारी अधिकारियों से इनका वेतन कम हो गया है.

लेकिन मूल सवाल यही है कि क्या सांसदों का वेतन बढ़ना चाहिए? आइए, सांसदों के वेतन से जुड़ी कुछ बातों पर कुछ नजर डालते हैं.

सांसदों की आय

अभी सासंदों का बेसिक वेतन 50 हजार रुपये है, जबकि सातवें वेतन के बाद सरकारी कर्मचारियों की अधिकतम तनख्वाह 2.50 लाख रुपये हो गई है.

लेकिन सासंदों को अपने मूल वेतन 50 हजार रुपये के अलावा भी काफी कुछ मिलता है. उन्हें संसद आने और रजिस्टर पर साइन करने पर 2 हजार रुपये मिलते हैं. निर्वाचन क्षेत्र के लिए 45 हजार रुपये मिलते हैं. अपने ऑफिस के लिए भी 45 हजार रुपये मिलते हैं, जिसमें वह 15 हजार रुपये स्टेशनरी पर और 30 हजार रुपये पीए पर खर्च कर सकते हैं. इसके अलावा तमाम तरह के भत्ते सांसदों को मिलते हैं.

आंकड़ों में हमारे सांसदों की संपत्ति

हमारे 542 सांसदों में से 443 (82%) सांसद तो करोड़पति हैं और सांसदों की औसत संपत्ति 14.70 करोड़ रुपये बैठती है. अधिकतम संपत्ति 683 करोड़ रुपये है और सबसे कम संपत्ति 34 हजार रुपये पाई गई.

(ग्राफिक्‍स : Quint Hindi)

विधायक भी उठाते रहे हैं मांग

दिल्ली के विधायकों ने अपनी सैलरी बढ़ाई थी, लेकिन उनकी सैलरी केंद्र से मंजूरी न मिलने के कारण अधर में अटक गई थी. तेलंगाना के विधायकों ने भी अपनी सैलरी 2.50 लाख तक की. वहीं महाराष्ट्र में भी 75 हजार से बढ़कर 1.60 लाख रुपये विधायकों की सैलरी की गई.

वेतन बढ़ाने के लिए गिनाए जाते हैं ये तर्क

चाहे सांसद हो या विधायक, सैलरी बढ़ाने को लेकर दोनों के ही तर्क लगभग समान ही पाए जाते हैं.

  • खर्च काफी बढ़ गया है
  • लोगों को आना-जाना लगा रहता है
  • तो चाय-बिस्कुट भी खिलाने होते हैं
  • निर्वाचन क्षेत्र से लोग आते हैं
  • उन्हें काफी यात्राएं करनी पड़ती हैं
  • स्टाफ का खर्च बढ़ा है
  • कई सांसद-विधायक अमीर नहीं है

जब संसद में 82% करोड़पति सांसद हैं, तो उनकी सैलरी बढ़ाना कितना वाजिब है? हां ये जरूर है कि जिन सांसदों के पास करोड़ों की संपत्ति नहीं है और उनके पास कमाई के और साधन नहीं हैं, उनकी तनख्वाह बढ़ाने पर जरूर विचार किया जा सकता है.

लेकिन वेतन बढ़ाने की मांग क्या सिर्फ इस वजह से सही है कि सातवें वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी सांसदों से ज्यादा हो रही है या उनके खुद के खर्चे वाकई में बढ़ गए हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT