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सावरकर पर चल रही बयानबाजी के बीच शिवसेना सांसद ने किसी का नाम लिए बगैर नाराजगी दिखाई है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने सावरकर को न सिर्फ महाराष्ट्र, बल्कि देश के लिए वरदान बताया है. साथ ही उन्होंने वीर सावरकर का अपमान न करने की बात कही है.
संजय राउत ने कहा, "हम पंडित नेहरू, महात्मा गांधी में विश्वास करते हैं. वीर सावरकर का अपमान न करें. वीर सावरकर न केवल महाराष्ट्र बल्कि देश के लिए वरदान हैं."
राउत ने ये भी कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी की तरह सावरकर ने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया. ऐसे हर शख्स को सम्मानित किया जाना चाहिए.
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को बीजेपी की तरफ से की गई माफी की मांग पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उनका नाम 'राहुल सावरकर' नहीं है, उनका नाम राहुल गांधी है और वह सच बोलने के लिए माफी नहीं मांगेंगे. उन्होंने कहा कि माफी (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को इस देश से मांगनी चाहिए.
राहुल का इशारा हिंदूवादी नेता दिवंगत विनायक दामोदर सावरकर के 14 नवंबर, 1913 को ब्रिटिश सरकार को लिखे गए माफी के पत्र की तरफ था, जिसे उन्होंने अंडमान के सेलुलर जेल में बंद रहने के दौरान लिखा था.
राहुल ने आगे कहा कि माफी बीजेपी के लोग मांगेंगे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मांगेंगे और उनके असिस्टेंट गृहमंत्री अमित शाह मांगेंगे इस देश से, जिन्होंने देश को इस हालत में पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का नेता, कार्यकर्ता माफी नहीं मांगेगा.
इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने राहुल गांधी पर सिलसिलेवार पलटवार किए. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "राहुल गांधी अगर हजार जन्म भी ले लें तो भी राहुल 'सावरकर' नहीं बन सकते."
राहुल गांधी के इस बयान के बाद बीजेपी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधा है और उन पर 'मुस्लिम तुष्टिकरण' का आरोप लगाया है. नरसिम्हा राव ने कहा, "राहुल गांधी अधिक उपयुक्त नाम राहुल जिन्ना है. आपकी मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति और मानसिकता आपको सावरकर की नहीं, बल्कि मोहम्मद अली जिन्ना की योग्य वसीयत दार बनाती है."
बीजेपी का बिफरना तो स्पष्ट है लेकिन महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी शिवसेना की नाराजगी साफ बयान कर रही है कि हिंदुत्व या उससे जुड़े प्रतीकों के मुद्दे पर शिवसेना ‘सहयोगी धर्म’ का पालन नहीं करने वाली.
राहुल गांधी ने झारखंड में एक चुनावी रैली के दौरान 'रेप इन इंडिया' टिप्पणी की थी, जिस पर बीजेपी सदस्यों ने शुक्रवार को संसद में उनसे माफी की मांग की थी. राहुल की इस टिप्पणी को लेकर संसद में काफी हंगाम हुआ था.
राहुल ने कहा था, "इस देश की शक्ति, आत्मा यहां की अर्थव्यवस्था थी. पूरी दुनिया हमारी तरफ देखती थी और कहती थी कि यह हिंदुस्तान में क्या हो रहा है. अलग-अलग धर्मो का देश नौ प्रतिशत जीडीपी पर कैसे चल रहा है. पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था भारत और चीन पर निर्भर थी. इसे चिंडिया कहते थे."
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Published: 14 Dec 2019,06:32 PM IST