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सारण: कभी लालू का गढ़-अब बेटी रोहिणी को कमान, लेकिन 4 बार के MP रूडी को हराना नहीं आसान

Lok Sabha Election Hot Seats: चार बार के सांसद राजीव प्रताप रूडी लालू कीं पत्नी राबड़ी और उनके समधी को हरा चुके हैं.

प्रतीक वाघमारे
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>Saran Bihar: Hot Seat Lok Sabha Election 2024</p></div>
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Saran Bihar: Hot Seat Lok Sabha Election 2024

(फोटो- अल्टर्ड बाई क्विंट हिंदी)

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लोक सभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में बिहार (Bihar) की सारण (Saran) हॉट सीट बनी हुई है. यहां से बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी और लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) की बेटी रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) चुनावी मैदान में हैं. पांचवें चरण में 20 मई को यहां वोट डाले जाएंगे. चलिए आपको बताते हैं कि सारण का समीकरण क्या है और राजीव प्रताप रूडी- रोहिणी में किसका पलड़ा भारी नजर आ रहा है?

RJD से रोहिणी vs बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी

बीजेपी ने इस बार भी राजीव प्रताप रूडी को ही अपना उम्मीदवार बनाया हैं, जो 4 बार के सांसद हैं - 1996, 1999, 2014 और 2019. वहीं दूसरी तरफ इंडिया ब्लॉक के तहत आरजेडी के खाते में आई सारण सीट से रोहिणी आचार्य को टिकट मिला है.

रोहिणी खासकर तब सुर्खियों में आई थीं जब लालू यादव का किडनी ट्रांसप्लांट होना था. तब रोहिणी ने अपनी एक किडनी पिता लालू यादव को दी थी. अब रोहिणी के प्रति सहानुभूति फैक्टर काम करेगा या नहीं ये चुनावी नतीजे बताएंगे.

मार्च 204 में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने असंवेदनशील बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि "लालू जी टिकट बेचने में माहिर खिलाड़ी हैं. लालू जी ने अपनी बेटी को भी नहीं छोड़ा. उन्होंने पहले उनसे किडनी लिया, फिर टिकट बेचा."

रोहिणी के पक्ष में कौन से फैक्टर हैं?

  • रोहिणी की लालू की बेटी हैं. उन्हें विरासत में राजनीतिक माइलेज मिली है.

  • 'बेटी फैक्टर' इनके साथ है, वो बेटी जिसने अपने पिता की सेहत की खातिर अपनी किडनी दी थी. यह फैक्टर वोटरों की सहानुभूति रोहिणी के साथ कर सकता है.

  • सम्राट चौधरी का असंवेदनशील बयान रोहिणी के पक्ष में जा सकता है. उस बयान के ठीक बाद तेजस्वी ने ट्विटर पर ‘बेटी वंदना’ मुहीम शुरू की थी.

  • रूडी लगातार दो बार से यहां से सांसद हैं. ऐसे में एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर रोहिणी के पक्ष में काम कर सकती है. 

  • पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजे भी RJD के पक्ष में हैं. इस संसदीय क्षेत्र के अंदर आने वाली 6 विधानसभा सीटों में से 4 पर RJD को जीत मिली थी.

रूडी के पक्ष में कौन से फैक्टर हैं?

  • राजीव प्रताप रूडी सारण से चार बार सांसद रह चुके हैं.

  • 2014 और 2019 में उन्होंने लगातार जीत हासिल की. उनके वोट शेयर में भी बढ़ोतरी हुई है.

  • लोकसभा चुनावों में मोदी फैक्टर अन्य सांसदों की तरह रूडी के पक्ष में जा सकता है.

  • रूडी पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं.

  • रूडी इससे पहले दो बार लालू यादव के परिवार को इस सीट से मात दे चुके हैं. 2014 में उन्होंने राबड़ी देवी और 2019 में उन्होंने लालू के समधी चंद्रीका राय को हराया था.

  • रोहिणी एक तरह से पैराशूट कैंडिडेट हैं. वो लंबे समय से विदेश में रहीं हैं जिससे स्थानीय लोगों को लग सकता है कि वो सारण के मुद्दों से अनजान हैं. यह बात भी रूडी के पक्ष में जा सकती है.

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सारण का जातीय समीकरण

सारण सीट पर यादवों की आबादी करीब 25% बताई जाती है. इसके अलावा राजपूत मतदाता करीब 23% हैं. बनिया मतदाता करीब 20% हैं और मुस्लिम मतदाता 10% से ज्यादा हैं.

2020 विधानसभा चुनाव में आरजेडी सारण लोकसभा क्षेत्र की 6 विधानसभा सीटों में से 4 पर जीती थी, वहीं दो पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. बीजेपी ने छपरा और अमनौर सीट पर जीत हासिल की थी. जबकि आरजेडी ने मढ़ौरा, गरखा, परसा और सोनपुर सीट पर जीत दर्ज की थी.

पिछले चुनावों के नतीजों पर नजर 

सारण 1967 से लेकर 1977 तक कांग्रेस का गढ़ रहा. फिर 1977 में पहली बार लालू इस सीट जीते. तब यह सीट छपरा सीट कहलाती थी. लालू इसके बाद सारण (छपरा) से 3 बार और जीते- 1989, 2004 और 2009 में.

2008 में परिसीमन के बाद इस सीट का नाम छपरा से बदलकर सारण रखा गया था.

  • 2019 में सारण से बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी 53% वोट से जीते थे. वहीं आरजेडी ने लालू के समधी चंद्रीका राय को टिकट दिया था जिन्हें 38.3% वोट मिले थे.

  • 2014 में रूडी ने 41.1% वोटों से जीत दर्ज की थी. तब आरजेडी ने राबड़ी देवी को यहां से टिकट दिया था, जिन्हें 36.4% वोट मिले थे.

  • 2009 में लालू प्रसाद यादव ने 47.2% वोट से जीत हासिल की थी. वहीं बीजेपी के रूडी को 38.3% वोट मिले थे.

आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले दो चुनावों में रूडी ने लालू के परिवार को कड़ी टक्कर दी है. आरजेडी ने एक बार फिर लालू के परिवार को ही टिकट दिया है. तो क्या रूडी एक बार फिर लालू के परिवार पर हावी होंगे? यह हमें 4 जून को पता चलेगा जब नतीजे हम सब के सामने होंगे.

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