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झारखंड में चुनाव से पहले एनडीए में दरार पैदा हो गई है. बीजेपी की सहयोगी आजसू और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में सीट बंटवारे को लेकर विवाद पैदा हो गया है. आजसू ने 11 नवंबर को अपने 11 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी . इनमें 3 सीटें ऐसी हैं, जिनके लिए बीजेपी उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है, जबकि पहले फेज के चुनाव के लिए 13 नवंबर को पर्चा दाखिल करने की आखिरी तारीख है. एलजेपी ने भी राज्य में 50 सीटों पर लड़ने का ऐलान कर दिया है.
दरअसल आजसू गठबंधन की 81 सीटों में से 19 सीटें मांग रही थी लेकिन बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह से पार्टी चीफ सुदेश महतो की मुलाकात के बाद वह 12 सीटों पर लड़ने को राजी हो गई थी. लेकिन उसने उन तीनों पर भी अपने कैंडिडेट का ऐलान कर दिया है, जिन्हें वह अपने कोटे का मानती है. आजसू ने चक्रधरपुर, सिंदरी और सिमरिया में अपने कैंडिडेट का ऐलान कर चुकी है. इसके अलावा उसने चंदनकियारी में कैंडिडेट उतारने का मन बनाया है. चक्रधरपुर सीट से बीजेपी ने राज्य में पार्टी प्रमुख लक्ष्मण गिलुआ को टिकट दिया है.
बीजेपी चंदनकियारी और लोहरदगा सीट चाह रही थी. चंदनकियारी सीट मंत्री अमर कुमार बाउरी की है. वहीं लोहरदगा सीट पर वह सुखदेव भगत को खड़ा करना चाहती थी. राज्य में कांग्रेस के चीफ रहे भगत पिछले महीने ही बीजेपी में शामिल हुए हैं.
इस बीच, एनडीए का एक और घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने भी राज्य में 50 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. पार्टी चीफ चिराग पासवान ने छह सीटों की मांग की थी. 2014 में उसने एक सीट पर चुनाव लड़ा था लेकिन उसे जीत हासिल नहीं हो सकी थी.
पासवान ने कहा
बिहार में बीजेपी की एक अन्य सहयोगी जेडी (यू) ने भी झारखंड चुनाव में अकेले उतरने का ऐलान किया है. बीजेपी, एलजेपी और जेडी (यू) मिल कर बिहार में सरकार चला रही हैं.
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Published: 12 Nov 2019,05:27 PM IST