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अनिल देशमुख की गिरफ्तारी पर भड़के शरद पवार-गिरफ्तारी के हर घंटे की कीमत वसूलेंगे

शरद पवार ने कहा- दिल्ली की मदद से महाराष्ट्र की सरकार गिराने के प्रयास लगातार कुछ लोग कर रहे हैं.

ऋत्विक भालेकर
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>शरद पवार केंद्र पर नाराज</p></div>
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शरद पवार केंद्र पर नाराज

(फोटोः PTI)

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केंद्रीय एजेंसियों द्वारा महाराष्ट्र में चल रही छापेमारी और कार्रवाई के चलते शरद पवार (Sharad Pawar) अब आक्रामक होते दिख रहे हैं. नवाब मलिक द्वारा NCB की पोलखोल हो, ED द्वारा पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमूख को जेल में डालना हो या फिर पवार परिवार पर IT की रेड पवार केंद्र सरकार और एजेंसियों के दुरुपयोग पर खुलकर हमला कर रहे हैं. बुधवार को नागपुर की एक रैली में पवार केंद्र सरकार की जमकर बरसे और कहा कि अनिल देशमुख के गिरफ्तारी के हर दिन और हर घंटे की कीमत वसूल करेंगे.

हम महाराष्ट्र को प्रगति कि दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा, सत्ता हाथ से निकल जाने से कुछ लोग अस्वस्थ हैं, इसलिये दिल्ली की मदद से महाराष्ट्र की सरकार गिराने के प्रयास लगातार कुछ लोग कर रहे हैं, एनसीपी हो, कांग्रेस हो या शिवसेना के नेतृत्व को और सहयोगियों को विभिन्न सरकारी एजंसियों का गलत इस्तेमाल कर परेशान किया जा रहा है.
शरद पवार

शरद पवार ने आगे कहा- 'अनिल देशमुख का मामला ले लीजिए क्या मामला था ये, एक दिन मुंबई के पुलिस कमिश्नर मेरे पास आये और कहा कि अनिल देशमुख के बारे में मेरी यह शिकायत है, सीएम को भी मैंने इस बात से अवगत कराया है, अब मैं आप को बताने आया हूं, मैने कहां, क्या शिकायत है, तो उन्होंने कहां कि हमें ऐसा ऐसा कहा गया है, मैंने कहां ये संभव नहीं है, क्या आपने उस पर अमल किया, तो उन्होने कहां "नहीं"... मुझे समझ नहीं आता अगर उस पर अमल ही नहीं किया तो अनिल बाबू का क्या दोष है, जब यह बात अनिल देशमुख को पता चली तब वो मेरे पास आये और कहा कि पुलिस कमिश्नर ने आरोप लगाया है, जब तक इस मामले मे सच सामने नही आता तब तक मै सत्ता कि कुर्सी पर नही बैठूंगा और उन्होंने इस्तीफा दे दिया.'

अब वो अधिकारी कहां है, मेरी जानकारी के हिसाब से राज्य सरकार ने उस अधिकारी को भगौड़ा घोषित कर दिया है, कहां गायब है पता नहीं, कौन से देश में है मामूल नहीं, समन पर हाजिर नहीं हो रहा है, एक जांच आयोग ने उनसे पुछा कि अनिल देशमुख के बारे में क्या कहना चाहते हो, तो उन्होंने लिखित मे बताया "कुछ नहीं" अगर आप आज कुछ नहीं कहना चाहते तो आप ने जो झूठे आरोप लगाये उसका क्या? आप आज कहां हो देश के अंदर हो या देश से भाग गये हो, वो अधिकारी मुंह छिपा रहा है, वो आज बाहर है और अनिल देशमुख आज जेल के अंदर है, इस का मुख्य कारण है केंद्र कि सत्ता का दुरुपयोग, कुछ लोगों का धंधा बन गया है, जैसा मैने कहां कि सत्ता हाथ से चले जाने से कुछ लोग अस्वस्थ है, हर रोज केंद्र को लिस्ट भेजते है और मांग करते है इनकी जांच करो.
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पवार ने एकनाथ खडसे का जिक्र करते हुए कहा कि वो जब वो बीजेपी में थे, जैसे ही एनसीपी ज्वाइन कि वैसे उनकी पत्नी को इडी ने बुला लिया, कुछ भी नहीं था फिर भी मामले दर्ज किये गये, ये लोग शिवसेना के संजय राऊत के खिलाफ कुछ नहीं कर सकते तो उनकी पत्नी को बुलाया, बयान लिया और उन्हें परेशान किया गया, अजित पवार के खिलाफ कुछ नहीं कर सकते तो राज्य सरकार को अस्थिर करने के प्रयास किये गये.

अजित पवार के खिलाफ कुछ नहीं कर सके तो उनकी बहन के घर पर पांच पांच दिनों तक 20-20 लोगों ने छापा मारा, उनकी बहन ने पुछा तो कहा हमें दिल्ली से आदेश है, हमें कहा गया पांच दिन वहां से हिलना नही, खबर छपनी चाहिये, बदनामी होनी चाहिये, महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक समाज के मंत्री हसन मुश्रिफ के यहां भी छापे मारे गये, लेकिन कुछ नहीं मिला, ऐसे कितने उदाहरण, मैं आप को बताऊं, महाराष्ट्र सरकार अपने हाथों से निकल गई यह उन्हें बर्दाश्त नहीं हो रहा है, इसलिए लोगों को परेशान किया जा रहा है, अरेस्ट कर के बदनामी की जा रही है, यह काम दिल्ली कि बीजेपी सरकार द्वारा किया जा रहा है.

ये मैं कह रहा हूं, तुम कितने भी छापे मार लो, कितनी भी अरेस्ट कर लो, हम आम लोगों को साथ में लेकर तुम्हें इस राज्य में कभी नही आने देंगे, आप को सौ प्रतिशत हार का सामना करना पड़ेगा, मैं कह रहा हूं, तुमने अनिल देशमुख को जेल मे डाला, उनके हर दिन कि और हर उस घंटे कि कीमत आज ना कल जरूर वसूल होगी, बदले कि राजनीति की जा रही है, सत्ता का इस्तेमाल सम्मान के साथ करना पड़ता है, लेकिन इन लोगों पैर जमीन पर नही हैं और सत्ता सिर चढ कर बोल रही है, ये जो कुछ हो रहा है ये उसका नतीजा है.

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