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महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और सीएम उद्धव ठाकरे के बीच राज्य में मंदिरों को फिर से खोलने के मुद्दे पर लेटर वार हुआ और अब इस विवाद में शरद पवार की भी एंट्री हो गई है. एनसीपी चीफ शरद पवार ने पीएम मोदी को लेटर लिखकर कहा है कि राज्यपाल कोश्यारी ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है वो किसी संवैधानिक पद पर बैठे शख्स को शोभा नहीं देता है.
राज्यपाल ने अपने लेटर में ठाकरे के हिंदुत्व पर सवाल उठाते हुए पूछा, "आप हिंदुत्व के एक मजबूत स्तंभ रहे हैं, अब आप क्या 'सेक्युलर' हो गए हैं?" राज्य के मंदिरों में पूजा करने की अनुमति देने के मामले में कोश्यारी ने ठाकरे को लेटर लिखा था और पूछा था कि मंदिर कब से खुल रहे हैं. राज्य में सभी मंदिर कोरोनावायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण 23 मार्च से ही बंद हैं.
कोश्यारी ने लिखा है, "यह विडंबना है कि जहां एक ओर राज्य सरकार ने बार, रेस्तरां और समुद्र तट खोलने की अनुमति दी है, वहीं दूसरी ओर हमारे देवी-देवता अभी भी लॉकडाउन में हैं."
कोश्यारी ने पत्र में लिखा कि कैसे ठाकरे ने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अयोध्या जाकर भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति को सार्वजनिक रूप से दिखाया था और बाद में 1 जुलाई को आषाढ़ी एकादशी पर प्रसिद्ध पंढरपुर के भगवान विठ्ठल और देवी रुक्मिणी मंदिर में पूजा की थी.
ठाकरे ने कोश्यारी को इसका कड़ा जवाब देते हुए कहा कि राज्यपाल ने 'हिंदुत्व' के बारे में जो जिक्र किया है, वह बिल्कुल सही था. ठाकरे ने कहा, "हालांकि, मुझे किसी से भी हिंदुत्व पर सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है, न ही मुझे इसे किसी से सीखना है. जो लोग पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के साथ हमारे राज्य और इसकी राजधानी (मुंबई) की तुलना करने वाले का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं, वे मेरे हिंदुत्व की परिभाषा में फिट नहीं बैठते."
ठाकरे ने कहा, "क्या आप ये कहना चाह रहे हैं कि सिर्फ मंदिर खोल देने से कोई हिंदुत्व का मसीहा हो जाता है और उसे बंद करने से वो सेक्युलर हो जाता है?"
ठाकरे ने अपने जवाबी पत्र में कोश्यारी से सीधे पूछा, "आपने उस संविधान की शपथ ली है, जिसका मुख्य सिद्धांत सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) है, क्या आप इससे सहमत नहीं हैं?"
महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी पार्टी एनसीपी के चीफ शरद पवार ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि राज्यपाल ने सीएमओ को जो चिट्ठी लिखी वो मीडिया के जरिए उन्हें मिली है.
शरद पवार ने लिखा है कि संविधान की प्रस्तावना में 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द जोड़ा गया है, जो सभी धर्मों को समान बनाता है और ये सभी धर्मो के लिए ढाल की तरह है. ऐसे में मुख्यमंत्री को संविधान के ऐसे सिद्धातों को लागू करना चाहिए.
इससे पहले राज्यपाल ने अपने लेटर में लिखा था कि मंदिरों को खोलने के लिए उन्हें कई अनुरोध मिल चुके हैं. इसके जवाब में ठाकरे ने कहा कि वे सभी अनुरोध बीजेपी के लोगों के थे. हालांकि ठाकरे ने राज्यपाल कोश्यारी को आश्वासन दिया कि राज्य में मंदिरों और दूसरे धार्मिक स्थलों को खोलने पर जल्द फैसला लिया जाएगा.
(इनपुट: IANS से भी)
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